Jharkhand:जाँच:रंगदारी मांगने वाले न सुजीत सिन्हा गिरोह के,न पीएलएफआई के, फेक कॉल एप्प का इस्तेमाल कर व्यवसायियों को परेशान करने की हो रही है कोशिश-सूत्र
जांच में खुलासा सनकी मांग रहा है,कारोबारियों से रंगदारी मांगने वाले न सुजीत सिन्हा गिरोह के न पीएलएफआई के, फेक कॉल एप का इस्तेमाल कर व्यवसायियों को परेशान करने की हो रही है कोशिश-
18 व 22 सितंबर को दो चावल व्यवसायियों को मिली धमकी के बाद पुलिस लगातार कर रही है जांच, जिसमें ये बात आई है सामने, दर्जन भर के पेड फेक कॉल एप उपलब्ध है प्ले स्टोर पर-
राँची।इन दिनों राँची के कारोबारियों से वाट्सएप्प पर मैसेज भेज कर रंगदारी मांगने के मामले में राँची पुलिस की जांच जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अबतक की जांच में ये बात सामने आई है कि जिन नंबरों से वाट्सएप्प के जरिए मैसेज भेज रंगदारी मांगी जा रही है,वह फेक कॉल एप से मांगी जा रही है।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अबतक जांच में ये बात आई है कि ये रंगदारी न तो सुजीत सिन्हा गिरोह का कोई सदस्य मांग रहा है और न ही पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप गिरोह का कोई सदस्य।
कारोबारियों में दहशत लाने के लिए ये किसी सनकी द्वारा किया जा रहा है ?
कहीं कोई सनकी द्वारा तो ये सब नहीं कर रहा है,क्योंकि सूत्रों से जो जानकारी मिली है, राँची पुलिस की टेक्निकल सेल ने अबतक जो जांच में पता लगाया है उसमें ये सभी नंबर फेक कॉल के ही सामने आ रहे है। तुपुदाना के दो चावल व्यवसायियों से रंगदारी मांगने के बाद राँची पुलिस की टीम लगातार इसपर काम कर रही है। जिसमें ये बात सामने आई है कि प्ले स्टोर पर उपलब्ध फेक कॉल एप्प से नंबर क्रियेट कर व्यवसायियों को धमकी दी जा रही है। ये किसी सनकी का काम है जो इस तरफ के फेक कॉल एप का इस्तेमाल कर लोगो को परेशान करने की कोशिश कर रहा है।ताकि व्यवसायियों में दहशत हो।
चारों कारोबारियों से एक ही तर्ज पर मांगी गई रंगदारी, पैसे कहा व कैसे देने है नहीं किया संपर्क ?
18 सितंबर से 2 नवंबर के बीच चार कारोबारियों से एक ही तर्ज पर रंगदारी वाट्सएप्प के जरिए मांगी गई है।राँची के दो चावल व्यवसायियों से पहले 18 व 22 सितंबर को वाट्सएप मैसेज कर एक-एक करोड़ की रंगदारी घाघीडीह जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नाम पर मयंक सिंह द्वारा मांगी गई। ये तब मांगी गई जब राँची पुलिस सुजीत सिन्हा को रिमांड पर लेकर राँची आई थी। उसके बाद ही सुजीत सिन्हा के नाम पर दहशत फैलाने की कोशिश की गई। दोनों के एक बार मैसेज करने के बाद दोबारा मैसेज करने वाले ने उनसे संपर्क नहीं किया। दोनों मामले में तुपुदाना ओपी में प्राथमिकी दर्ज हुई। मीडिया में बड़ी बड़ी खबरें आई। फिर मैसेज करने वाला शांत हो गया। इसके बाद फिर 31 अक्टूबर को एक ही नंबर से दो कारोबारियों धुर्वा के टेंट हाउस कारोबारी व अपर बाजार के दवा व्यवसायी से पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर 50-50 लाख की रंगदारी मांगी गई। ये भी रंगदारी उसी तर्ज पर मांगी गई। इस बार मैसेज के साथ एक ऑडियो भी भेजा गया। जो ऑडियो भेजा गया उसे सुन कर ये पुलिस भी समझ रही है कि ये कोई अपराधी गिरोह के सदस्य का ऑडियो मैसेज नहीं है। इन दोनों को भी मैसेज भेजने के बाद मामला दर्ज हुआ। मीडिया में खबरें आई। इसके बाद मैसेज भेजने वाला शांत हो गया। पैसे कहा व कैसे देने है चारों मामलों में मैसेज भेजने वाले ने नहीं बताया।
पीएलएफआई दहशत के लिए आगजनी-फायरिंग करते है, मैसेज नहीं भेजते-
दूसरों जिलो में भी ऐसे मामले सामने आए है। जिसमें फेक नंबर से लोगो को वाट्सएप मैसेज भेजे गए है और रंगदारी मांगी जा रही है। रंगदारी मांगने वाला मैसेज तो भेज रहा है लेकिन पैसे कब व कहा लेने है ये नहीं बता रहा।वहीं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पीएलएफआई रंगदारी लेने के लिए मैसेज नहीं भेजते। सीधे स्पॉट पर जाकर या तो आगजनी करते है या फिर फायरिंग करते है। पीएलएफआई ने जितने भी लोगो से रंगदारी मांगी है डायरेक्ट मांगी है। वहीं सुजीत सिन्हा के नाम पर अबतक किसी ने रंगदारी इस तरह से वाट्सएप मैसेज भेज कर नहीं मांगा है।
महीने के 1440 रुपए में एप पर उपलब्ध है फेक कॉल एप
प्ले स्टोर पर फेक कॉल एप की भरमार है। इसके लिए 1440 रुपए महीने के देने पड़ते है। इस एप्प से किसी को भी कोई भी नंबर डाल कर किसी को भी वाट्सएप या कॉल या मैसेज भेजा जा सकता है। इसे पकड़ना पुलिस के लिए इसलिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि फेक कॉल एप दूसरे देशों के है। एप किस मोबाइल में डाउन लोड किया गया है उसका डिटेल निकालने के बाद ही पुलिस उक्त व्यक्ति तक पहुंच सकती है जो धमकी देने का काम कर रहा है।
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