उत्तराखंड:देहरादून की सृष्टि गोस्वामी बनीं एक दिन की मुख्यमंत्री,अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली
देहरादून।नायक फ़िल्म पर्दे पर आया जब लोगों ने देखा तो कहने लगे काश ऐसे ही एक बार रियल लाइफ में हो तो जनता भी जानें क्या सही में एक दिन के सीएम ऐसे कार्य कर सकते है।आज फिर से नायक फ़िल्म को दोहराया गया जहां पार्ट 2 नायक के नायिका बनी सृष्टि गौस्वामी।ये फ़िल्म नहीं है ये रियल में बनी।जहां राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी ने एक दिन के लिए उत्तराखंड की मुख्यमंत्री बनीं।देहरादून पहुंचकर बाल विधानसभा में सृष्टि ने एक दिन का मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया और विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक की।इस मौके पर विधायकों और अधिकारियों ने सृष्टि को मुख्यमंत्री बनने के बाद शुभकामनाएं दीं।मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद बाल विधानसभा में विभागीय अधिकारियों ने अपने विभाग की समीक्षा रिपोर्ट पेश की. मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी ने नेता प्रतिपक्ष से निवेदन किया कि अगर आपके कोई सवाल हैं तो वे सरकार के समक्ष रखें ताकि उन पर विचार किया जा सके।
रविवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक विधानसभा भवन के कमरा संख्या 120 में विभागीय समीक्षा बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निदेश भी दिए. बैठक में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियता डोबरा-चांटी पुल, पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होम स्टे योजना, उरेडा के निदेशक सोलर विकास कार्य, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सूर्य धार झील निर्माण, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक पोषण अभियान और आंगनबाड़ी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण महानिदेशक अटल आयुष्मान योजना जैसे कार्यक्रम पर पांच-पांच मिनट की प्रस्तुतिकरण दी।उत्तराखंड बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत मौजूद रहे।एक दिन की सीएम ने क्या क्या आदेश और क्या जनता के लिए किए हैं जानकारी अभी नहीं मिली है।
कौन हैं सृष्टि गोस्वामी
सृष्टि गोस्वामी हरिद्वार जिले के दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं. सृष्टि बीएसएम पीजी कॉलेज रुड़की में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रही हैं।।सृष्टि के पिता प्रवीन व्यापारी हैं और मां सुधा गोस्वामी गृहणी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बेटियों को कोई कम न समझे, वे रिकॉर्ड तोड़ रही हैं। परिवार हो या समाज उसमें उनकी बराबरी की सहभागिता होनी चाहिए। बालिका दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने कहा कि बालिकाएं हों या महिलाएं, वे अपने पैरों पर खड़ी हों। अब बेटियों को कोई कम न समझे, उन्हें सभी सपोर्ट करें।
सेना में भी बेटियां जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियों को लेकर एक तरह की धारणा बनी है, उस धारणा को तोड़ने का काम करें। परिवार हो या समाज हो, उसमें उनकी बराबर की सहभागिता होनी चाहिए।
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बाल विधायक भी चुनी जा चुकी हैं सृष्टि
हरिद्वार जिले के बहादराबाद विकासखंड के दौलतपुर गांव की बेटी सृष्टि गोस्वामी 2018 में बाल विधानसभा में बाल विधायक भी चुनी जा चुकी हैं। वर्ष 2019 में सृष्टि गर्ल्स इंटरनेशनल लीडरशिप के लिए थाईलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। सृष्टि पिछले दो साल से ‘आरंभ’ नामक योजना चला रही हैं। इसमें क्षेत्र के गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने के साथ मुफ्त में किताबें भी मुहैया कराती हैं।
सृष्टि रुड़की के बीएसएम पीजी कॉलेज की बीएससी एग्रीकल्चर की छात्रा हैं। पिता प्रवीण पुरी दौलतपुर गांव में किराने की छोटी सी दुकान चलाते हैं। मां सुधा गोस्वामी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। छोटा भाई श्रेष्ठ पुरी कक्षा 11 का छात्र है। उसके पिता प्रवीण पुरी ने बताया कि सृष्टि पर पूरे गांव को गर्व है। सृष्टि मीडिया कर्मियों से बातचीत करने से बचती रहीं।
हर बेटी के माता-पिता को होगा गर्व:
सृष्टि की मां सुधा गोस्वामी को बेटी पर गर्व है। सुधा का कहना है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं हैं। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए माता-पिता का सहयोग और प्रेरणा जरूरी है। सृष्टि ने जो मुकाम हासिल किया है उससे हर बेटी के माता-पिता को गर्व होगा।
नवनीत कौर बनीं एक दिन की प्रधानाचार्या:
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर खानपुर में कक्षा 12 की छात्रा नवनीत कौर को एक दिन की प्रधानाचार्य बनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेवी छात्रा नवनीत कौर ने कहा कि वर्तमान में बालिकाएं पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा रही हैं। छात्रा ने बालिकाओं को आगे आकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने का आह्वान किया।
कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम गुप्ता ने नवनीत कौर को विधिवत प्रधानाचार्य का सामान्य प्रभार दिया। नवनीत कौर ने कहा कि कोई भी दायित्व हासिल कर लेना बहुत आसान है, जबकि उसका निर्वहन करना बहुत ही कठिन है। डॉ. घनश्याम गुप्ता ने सभी छात्राओं को बालिका दिवस की बधाई दी। कहा कि एक लड़की शादी के बाद दो घरों का चिराग रोशन करती है, इसलिए बेटी को आगे बढ़ाना बहुत जरूरी है।