कोरोना के चलते बिरसा जैविक उद्यान में सोशल डिस्टेंसिंग;जया की वीरू से नहीं हो पा रहा मिलन,इधर शशांक-प्रियंका भी अकेले
राँची।झारखण्ड के राँची जिले के ओरमांझी स्थित चिड़ियाघर में भी कोरोना के नियमों का पालन किया जा रहा है।जिससे अपनों से नहीं मिल पा रहे कई जानवर।बताया गया को पिछले कई दिनों से जया की वीरू से भेंट नहीं हो रही है। शशांक भी प्रियंका को नहीं देख पाने से उदास है। वीरू और शशांक बिरसा मुंडा जैविक उद्यान (जू), ओरमांझी के शेर हैं। जया और प्रियंका इस चिड़ियाघर में रहने वाली शेरनी हैं। पहले ऐसी स्थिति नहीं थी, पर कोरोना संक्रमण ने चिड़ियाघर में रहनेवाले शेर, बाघ और तेंदुआ समेत अन्य जानवरों की भी दिनचर्या बदल दी है। जैविक उद्यान के शेरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग लागू है। अब ये अपने-अपने बाड़े में अकेले रहते हैं। ऐसा नहीं कि सिर्फ शेरों के साथ ही यह नियम है, चिड़ियाघर में रहनेवाले बाघ और तेंदुआ के साथ भी ऐसा ही हो रहा है।
बता दें हैदराबाद चिड़ियाघर के शेर के पॉजिटिव होने की खबर के बाद सेंट्रल जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के निर्देश पर बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के अधिकारी सजग हो गए हैं। चिड़ियाघर प्रबंधन ने कहा है कि 24 घंटे सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। उद्यान में अभी 4 शेर, 10 बाघ और 8 तेंदुआ समेत कुल वन्य प्राणियों की संख्या 1498 है। दो शेर और दो शेरनी, तीन नर बाघ और चार मादा बाघ के अलावा बाघों के तीन मादा बच्चे भी हैं। 8 तेंदुओं में 5 नर और 3 मादा हैं।
इधर उद्यान के केज कीपरों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। ये रोज अपने-अपने घर से आते हैं। इनके माध्यम से जानवरों में वायरस न फैल जाए, इसे लेकर केज कीपरों की रोजाना थर्मल स्क्रीनिंग होती है। इनका कोरोना टेस्ट भी किया गया है, जो निगेटिव आया है। केज कीपर हमेशा मास्क और ग्लव्स में रहते हैं। निर्देश है कि जानवर को छूना नहीं है।
जानवरों को दिया जाता है उबला हुआ मांस:
वहीं बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के डॉक्टर ओपी साहू ने बताया कि उद्यान परिसर में रोज एंटी वायरल छिड़काव हो रहा है। सभी मांसाहारी जानवरों को आजकल उबाला हुआ मांस दिया जाता है। उन्हें इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवा भी दी जा रही है। अभी सभी जानवर सुरक्षित हैं।