साहेबगंज एसपी नौशाद आलम को प्रवर्तन निदेशालय का समन,22 नवम्बर को ईडी ऑफिस राँची में हाजिर होने कहा है…
राँची।झारखण्ड के साहिबगंज एसपी नौशाद आलम को ईडी के द्वारा पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है।ईडी ने समन जारी कर नौशाद आलम को 22 नवंबर को ईडी के जोनल कार्यालय राँची बुलाया है।सूत्रों के अनुसार ईडी एसपी नौशाद आलम से इस मामले में पूछताछ कर सकती है।सूत्र की माने तो बीते दिनों मीडिया में जोरो से चर्चा थी की कोई आईपीएस राँची जेल में किसी मिलने गया था।मिलकर ईडी के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रची गई है।उसके बाद ईडी ने बीते दिन राँची जेल में छापेमारी की थी।उसके बाद ईडी ने जेल अधीक्षक, जेलर और जेल के बड़ा बाबू को समन जारी कर बुलाया और अलग अलग दिन तीनों से पूछताछ की है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक,विजय हांसदा मामले में एसपी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।क्योंकि हाइकोर्ट के निर्देश पर हुई सीबीआई जांच यह भी पता चला है कि बिजय हांसदा के मामले जब हाइकोर्ट ने याचिका खारिज की तो इसके तुरंत बाद कोई नया कदम उठाने के लिए नई दिल्ली का दौरा किया।इस तथ्य का खुलासा तब हुआ जब एक बॉडीगार्ड से पूछताछ की गयी।उन्होंने खुलासा किया कि बिजय हांसदा ने नई दिल्ली का दौरा किया था और वह उनके साथ दिल्ली गए थे। वे 21 अगस्त को ट्रेन से धनबाद से नई दिल्ली के लिए निकले थे और 23 अगस्त को भागलपुर लौट आए थे।यह पता चला है कि बिजय हांसदा की उक्त यात्रा के टिकट मो नौशाद आलम,एसपी,साहिबगंज के कहने पर पुलिस लाइन,राँची के सार्जेंट के माध्यम से बुक किए गए थे।
22 नवंबर को बुलाया गया
साहिबगंज एसपी नौशाद आलम को ईडी के जोनल कार्यालय में 22 नवंबर को दिन के 11:00 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया है।बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से ईडी के कुछ गवाहों को धमकियां दी गईं थीं।इसी मामले में नौशाद आलम से पूछताछ की जाएगी।या सीबीआई जांच में जो तथ्य सामने आए उस सम्बन्ध में पूछताछ की जाएगी।
बता दें कि 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा के साथ ही प्रेम प्रकाश, बच्चू यादव, पशुपति यादव व कृष्णा साहा ट्रायल फेस कर रहे हैं. पंकज मिश्रा बीते 19 जुलाई 2022 से जेल में बंद है। इसी मामले में विजय हांसदा ईडी का महत्वपूर्ण गवाह है।
पहले आईपीएस जिनको हुआ समन
साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम पहले आईपीएस हैं।जिनको ईडी के द्वारा समन जारी किया गया है। दो माह पूर्व ही आईपीएस अधिकारी नौशाद आलम को साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक के रूप में जिम्मेदारी सौंप गई है।उससे पूर्व राँची के ग्रामीण एसपी के रूप में कार्यरत थे।
जेल से मिली थी ईडी को शिकायत
राँची जेल से कई कैदियों ने प्रेम प्रकाश के खिलाफ शिकायत ईडी और सरकार को को थी।लेकिन प्रेम प्रकाश को जेल में आई फोन समेत अन्य सुविधाएं मिलने की जानकारी से जुड़े पत्र जेल प्रशासन ने कभी एजेंसियों तक पहुंचने ही नहीं दिया। जिन कैदियों ने एजेंसी से शिकायत की थी जब वह जेल से बाहर निकले तब उन्होंने सशरीर हाजिर होकर एजेंसी को सारी बातें बताई।जेल से बाहर निकले कैदियों ने ईडी को बताया है कि जेल के अफसरों और कर्मियों का फायदा उठाने की नीयत से प्रेम प्रकाश ने सभी का इस्तेमाल किया। जेल में प्रेम प्रकाश को सभी सुविधाएं दी जाती थीं। बदले में प्रेम प्रकाश ने जेल अधिकारियों के आर्म्स का लाइसेंस करवाया था और उनकी आर्थिक मदद भी की।