Ranchi:वार्ड पार्षद रोशनी खलखो ने सिविल कोर्ट में सरेंडर की,पूर्व सीएम ने कहा-आदिवासी महिला पार्षद को मुकदमे में फंसाकर अगर सरकार समझती है कि उसने जंग जीत ली,तो ये हेमंत सोरेन सरकार की भूल है
राँची।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला रोकने की कोशिश में आरोपी बनाए गए वार्ड पार्षद रोशनी खलखो ने आज राँची सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया है।वह काफी दिनों से फरार चल रही थी। इधर पुलिस के बढ़ते दबाव को देखते हुए उसने सरेंडर का फैसला लिया।बता दें कि चार जनवरी को राँची के किशोरगंज चौक पर शाम में मुख्यमंत्री का काफिला रोकने की कोशिश की गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों पुलिस ने दबाव बढ़ाने के लिए रोशनी खलखो के पति को कस्टडी में लिया था और उससे पूछताछ की थी। पुलिस उसके रिश्तेदारों के यहां भी दबिश बढ़ा रही थी। ऊपरी अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद भाजपा नेत्री ने सरेंडर करने का निर्णय लिया। रोशनी ने न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत में सरेंडर किया। इसके बाद उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्षद सह भाजपा नेत्री के उप्पर मुकदमे को लेकर ट्विट कर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने ट्विटर पर लिखा है
“एक महिला के सम्मान के लिए लड़ने वाली “आदिवासी” महिला पार्षद रोशनी खलखो को मुकदमे में फंसा कर अगर सरकार समझती है कि उसने जंग जीत ली, तो ये हेमंत सोरेन सरकार की भूल है।अपनी नाकामियां छिपाने के लिए कितने भी षड्यंत्र रच लो,जनता सब देख रही है।महिलाओं का अपमान कर रहा तीर कमान”
बता दें इस मामले में अभी तक लगभग 40 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। इसमें से 8 को जमानत मिल चुकी है। सीएम का काफिला रोकने की कोशिश करने के दौरान उग्र भीड़ ने गाड़ियों में तोड़ फोड़ की थी।इस घटना के बाद पुलिस ने पूरे शहर में चेकिंग अभियान चलाया था। आरोपी की धरपकड़ के लिए लगातार छापेमारी की गई।जिसमें कई नाबालिग छात्रों को जेल भेज दिया गया।घटना ओरमांझी में युवती की सिर कटी लाश मिलने के बाद आक्रोशित लोगों ने सीएम का काफिला रोकने की कोशिश की। हालांकि भीड़ सीएम का काफिला रोकने में सफल नहीं हो सकी और मुख्यमंत्री को सुरक्षित उनके आवास तक ले जाया गया था।