माँ-बाप और बेटा ने मिलकर क्यों बिल्डर कमल भूषण के अकाउंटेंट संजय सिंह की हत्या करवा दिया…..राँची पुलिस ने 9 दिन बाद किया खुलासा…..पढ़ें…
राँची।राजधानी राँची में बीते पाँच जुलाई को संजय कुमार सिंह नामक व्यक्ति की अपराधियों ने दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी।इस हत्याकांड की राँची पुलिस ने 9 दिन बाद ख़ुलासा करते हुए एक महिला सहित पांच अपराधी को गिरफ्तार किया है।जिसमें दो पेशेवर शूटर भी शामिल है।बता दें रातू रोड स्थित गैलेक्सिया मॉल के सामने बिल्डर कमल भूषण के अकाउंटेंट संजय सिंह की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड कमल भूषण की हत्या के आरोप में राँची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद डब्लू कुजूर और उसका बेटा राहुल कुजूर निकला है।इस हत्याकांड में डब्लू कुजूर की पत्नी सुशीला कुजूर द्वारा शाहिल बड़ा के माध्यम से दो शूटर का संजय की हत्या के लिए सुपारी दी गयी थी।
एसएसपी किशोर कौशल ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि गत पांच जुलाई, 2023 की शाम करीब सवा चार बजे ऑफिस से घर आने के दौरान जतरा मैदान के सामने बाइक पर सवार दो अज्ञात अपराधियों ने संजय कुमार का पीछा करते हुए गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद सिटी एसपी शुभांशु जैन के नियंत्रण में डीएसपी कोतवाली प्रकाश सोय के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया था। एसएसपी ने बताया कि एसआईटी टीम के गठित होने पर घटना के सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल शुरू की।सीसीटीवी फुटेज समेत पूछताछ में शूटर की पहचान हुई। उसके बाद पुलिस संदीप कुमार प्रसाद उर्फ धाबूस और आकाश वर्मा उर्फ शिवा उर्फ बालकटी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने कई खुलासे किये।
हत्या की साजिश ,सेंट्रल जेल में बाप बेटे और बाहर माँ ने रची…
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार शूटर बालकटी ने पूछताछ में बताया कि बिल्डर कमल भूषण हत्याकांड मेंजेल में बंद डब्लू कुजूर और राहुल कुजूर ने इस घटना की योजना बनायी।इस घटना का अंजाम देने में डब्लू की पत्नी सुशीला कुजूर ने शाहिल बाड़ा के माध्यम से दोनों शूटरों को पैसा उपलब्ध कराया था।वहीं हत्या करने से पहले एडवांस भी दिया गया था।बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों शूटरों ने हथियार को विवेक कुमार शर्मा उर्फ गुड्डू को छिपाने के लिए दिया था।
इसलिए संजय की हत्या की गई
शूटरों ने हत्या के पीछे छुपे सारे राज उगल दिये। बताया जाता है कि राहुल का पिता डब्ल्यू कुजूर पहले कमल भूषण का पार्टनर था। राहुल भी उनके साथ ही रहता था। कमल भूषण की बेटी के साथ राहुल का प्यार हो गया। दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद दोनों परिवार एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गये। इसी अदावत में कमल भूषण मारा गया। राहुल कुजूर का दावा था कि उसके पिता के करोड़ों रुपये कमल भूषण के बेटे पवन के पास है। राहुल यह चाहता था कि संजय सिंह उसके बकाया पैसे को दिलवा दे, कई बार राहुल के द्वारा जेल से ही संजय सिंह को धमकी भी दिलवाई गयी थी। जब राहुल को पैसे नहीं मिले तब उसने संजय सिंह की हत्या सिर्फ इसलिए करवा दिया, ताकि कमल भूषण के परिवार में खौफ समा जाये और उसके पैसे उसे मिल जाये।
चुंकि संजय सिंह कमल भूषण के हत्या के बाद सारा कारोबार कमल भूषण के बेटे पवन के साथ मिलकर संभाल रहे थे, उन्हें कमल भूषण के करोड़ों की संपत्ति की हर जानकारी थी।राहुल कुजूर यह जानता था कि अगर संजय सिंह को रास्ते से हटा दिया जाए तो कमल भूषण का परिवार एक बड़ी संपत्ति को संभाल नहीं पाएगा और फिर वह संपत्ति राहुल की हो जाएगी।इसी प्लानिंग के तहत राहुल ने अपने पुराने परिचित साहिल को जेल गेट बुलाया और उससे कहा कि वह दो भाड़े के हत्यारों का जुगाड़ करें ताकि संजय सिंह को रास्ते से हटाया जा सके। राहुल के इशारे पर शाहिल अपने मोहल्ले में ही रहने वाले दो पुराने अपराधी अकाश वर्मा और संदीप कुमार से मिला और उन्हें राहुल कुजूर के द्वारा कही गई बातें बताई।दोनों के हामी भरने के बाद संदीप और आकाश वर्मा ने राँची जेल में दूसरे कैदी से मिलने के बहाने राहुल से मुलाकात की। जिसके बाद राहुल ने संदीप और आकाश को संजय सिंह की हत्या की सुपारी दी। सुपारी की पहली किस्त के तौर पर राहुल की मां सुशीला ने दोनों अपराधियों को 80 हजार रुपये दिए।जिसके बाद दोनों अपराधियों ने लगभग 2 महीने तक संजय सिंह की रेकी की ओर उसके बाद पांच जुलाई को गोली मारकर संजय सिंह की हत्या कर दी गई।
पूछताछ में शूटर ने बताया कि हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद दोनों अपराधी राँची के रिंग रोड की तरफ फरार हो गए और वहां जाकर अपना हेलमेट और कपड़ा जला दिया ताकि उनकी पहचान नहीं हो सके. उसके बाद उन्होंने नए कपड़े खरीदे और उसे पहनकर वापस अपने मोहल्ले में ही आकर रहने लगे।लेकिन पुलिस हत्यारों की तलाश में जुटी हुई थी।सीसीटीवी फुटेज की कड़ी से कड़ी जब जोड़ी गई तो रिंग रोड में दोनों अपराधी पहचान लिए गए।जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।दोनों अपराधियों ने हत्या के बाद हथियार विवेक कुमार शर्मा को छुपाने के लिए दिया था। जानकारी मिलने के बाद विवेक को भी गिरफ्तार किया गया
इनकी गिरफ्तारी हुई है:गंगानगर मधुकम निवासी संदीप कुमार प्रसाद उर्फ धाबूस पिता सहदेव प्रसाद, शास्त्री चौक मधुकम निवासी आकाश कुमार वर्मा उर्फ शिवा उर्फ बालकटी पिता दीपक वर्मा, चूना भट्ठा रोड नंबर-पांच न्यू मधुकम निवासी विवेक कुमार शर्मा उर्फ गुड्डू पिता स्वर्गीय जगनारायण शर्मा, सुखदेवनगर के देवी मंडप रोड निवासी सुशीला कुजूर पति डब्लू कुजूर और सदर थाना क्षेत्र के कोकर खोराटोली निवासी शाहिल बाड़ा पिता विभव बाड़ा शामिल है।
छापामारी दल में ये थे शामिल
एसआईटी टीम की छापामारी में कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय के अलावा सुखदेवनगर थाना प्रभारी विनोद कुमार, कोतवाली थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद, पंडरा ओपी शिव नारायण तिवारी, महिला थाना प्रभारी स्नेहलता कुमारी, सुखदेवनगर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक सौरभ कुमार शर्मा, रजनी रंजन, अरविंद कुमार सिंह, ओम प्रकाश महतो, राज गुप्ता, अजीम अंसारी, तकनीकी शाखा प्रभारी शाह फैसल, क्यूआरटी टीम समेत सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।