Ranchi:पीएलएफआई का कारोबारियों में दहशत;सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर अपर बाजार के दवा व्यवसायी से भी मांगी गई 50 लाख की रंगदारी
राँची।पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर अपर बाजार के एक और दवा कारोबारी विजय कुमार सिंघानिया से 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई है। दवा कारोबारी से भी वाट्सएप्प कॉल के जरिए रंगदारी मांगी गई है। पैसे नहीं देने पर जान माल की क्षति करने की धमकी दी गई है। दवा कारोबारी को उनके वाट्सएप नंबर पर पहले पीएलएफआई के लेटर पैड पर दिनेश गोप के नाम से 50 लाख रुपए रंगदारी देने का मैसेज भेजा गया। इसके बाद एक ऑडियो मैसेज भेजा गया। फिर धमकी देने के लिए वीडियो कॉल किया गया। इस संबंध में दवा कारोबारी विजय कुमार सिंघानिया ने कोतवाली थाने में रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उनके वाट्सएप नंबर पर एक अनजान नंबर 12602358290 से 31 अक्टूबर को लेटर पैड पर लिखा मैसेज आया। जिसमें 50 लाख देने की बात कही गई थी। जो ऑडियो मैसेज भेजा गया उसमें कहा गया है कि विजय सिंघानिया हम जानते है कि झारखण्ड में तुम्हारे कहां कहां और क्या व्यवसाय है। तुम्हारे दो बेटे है हमे यह भी जानकारी है। अगर पैसे नहीं देते हो और संगठन से बात नहीं करते हो तो तुम्हारे साथ फौजी कार्रवाई की जाएगी। जिस नंबर से 31 अक्टूबर को दवा कारोबारी के वाट्सएप कॉल किया गया। उसी नंबर से धुर्वा के टेंट हाउस कारोबारी संदीप कुमार को भी धमकी दी गई थी।
दोनों मामलों में स्पूफ कॉल इसलिए पुलिस की जांच टेक्निकल सेल के भरोसे
धुर्वा के टेंट हाउस कारोबारी संदीप कुमार और अपर बाजार के दवा व्यवसायी विजय कुमार सिंघानिया से 50 लाख की रंगदारी मांगे जाने के बाद धुर्वा व कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। पुलिस की जांच भी शुरू कर दी गई है।राँची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा खुद दोनों मामलों की मॉनिटरिंग कर रहे है। पुलिस के पास रंगदारी मांगने वालों के दो नंबर, ऑडियो मैसेज, पीएलएफआई के लेटर पैड पर भेजे गए धमकी भरा पत्र और वीडियो कॉल करने वाले एक अपराधी की तस्वीर हाथ लगी है। पुलिस दोनों कॉल करने वाले नंबरों के जरिए यह ट्रेस कर रही है कि ये कहां से कॉल किए जा रहे है और कौन लोग कर रहे है। क्योंकि दोनों नंबर से स्पूफ कॉल किए जा रहे है। दवा कारोबारी का मामला एक नवंबर को व टेंट हाउस कारोबारी का मामला दो नंबर को दर्ज हुआ था।
सिमडेगा व अड़की के बीच से कॉल आने की संभावना
अबतक की जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों कारोबारियों को जो कॉल किए गए है वह सिमडेगा व अड़की के पास से किए जा रहे है। पुलिस की एक टीम इन क्षेत्रों में सक्रिय हो गई है। इसके साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है कि जो ऑडियो मैसेज वाट्सएप पर दोनों कारोबारियों को भेजे गए वह वास्तव में पीएलएफआई के लोगो के है या किसी अन्य गिरोह का।
नम्बर को ट्रेस करना काफी मुश्किल
नंबर को ट्रेस करना काफी मुश्किल काम है। क्योंकि जिन नंबरों से फोन किए जा रहे है वह एंड्रायड फोन के लिए उपलब्ध स्पूफ कॉल के एप्प से क्रिएट किए गए है। इन नंबरों को तभी ट्रेस किया जा सकता है जब ये अॉन लाइन रहते है। इसमें कॉलर अपनी आइडेंटिटी और मोबाइल नंबर छिपाकर कॉल करता है। ऐसे स्पूफ कालर किसी भी नंबर का उपयोग कर आपराधिक मामलों को टारगेट कर सकते है। इन नंबरों को अपराधियों द्वारा ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। कई ऐसे एप उपलब्ध है जिसपर फेक नंबर क्रिएट कर किसी को भी धमकी देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 के तहत भारत में स्पूफ कॉल पर प्रतिबंध है। इसपर तीन साल की जेल व जुर्माना दोनों का प्रावधान है। –सौरव एस. साइबर एक्सपर्ट
राँची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने दोनों मामले को गम्भीरता से लिये हैं।और दोनों मामलों को खुद देख रहे हैं।दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उनका कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि पीएलएफआई द्वारा रंगदारी के मैसेज भेजे जा रहे है या किसी अन्य गिरोह ऐसा कर रहा है।पुलिस इस मामले को गंभीरता से देख रही है।अपराधी इंटरनेट कॉल कर रहे है इसलिए कॉल करने वाले का पता लगाना में थोड़ी वक्त लग रहा है। जल्द अपराधी पकड़े जाएंगे।