Ranchi:आजीवन सजा काट रही चार महिला बंदी के बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ेंगे,चारों बच्चों को जेल से बाहर लाया गया

राँची।बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार,जेल प्रशासन से आजीवन सजा काट रही महिलाओं ने आग्रह की थी को उसके बच्चे को जेल से बाहर में अच्छी शिक्षा मिले।सजा काट रही चार महिलाओं के आवेदन पर सहमति बनाते हुए जेल प्रशासन ने सजायाफ्ता महिला के 4 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बाल कल्याण समिति राँची इकाई से आग्रह किया।जिसे बाल कल्याण समिति ने जेल प्रशासन के आग्रह को स्वीकार किया।शनिवार को बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद सीडब्ल्यूसी की टीम ने चार बच्चों को जेल से लेकर बाहर आया है।सीडब्ल्यूसी की टीम ने चारों बच्चों को शनिवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से जेल प्रशासन से रिसीव कर लाया है।अब आगे इन बच्चों का देखभाल और पढ़ाई बाल कल्याण समिति के द्वारा की जायेगी।फिलहाल चारो बच्चे बाल कल्याण समिति के संरक्षण में रहेंगे।इन चारों बच्चों का आवासीय स्कूल में नामांकन कराया जाएगा।

इन चारों महिला बंदियों ने जेल प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की थी

सिमडेगा जिला की आजीवन कारावास की सजा काट रही एक महिला बंदी ने कहा कि मेरी बेटी मेरे साथ जेल में है, जिसकी उम्र पांच साल है, जबकि मैं वर्ष 2018 से जेल में बंद हूं। इसलिए आग्रह है कि मेरी बेटी को शिक्षा दिलाने की पहल शुरू की जाए। लातेहार की एक महिला बंदी वर्ष 2019 से सजा काट रही है। उसने कहा कि मेरी चार वर्ष दो माह की बेटी है। जेल के बाहर ऐसा कोई नहीं है, जो मेरी बेटी की देखरेख कर सके। इसलिए मेरी बेटी की शिक्षा-दीक्षा सीडब्ल्यूसी के अधीन करायी जाए। सिमडेगा की ही एक और महिला कैदी भी वर्ष 2018 से जेल में बंद है। उसने आग्रह किया है वह गरीब परिवार से है और कोई मदद नहीं मिल रही है। इसलिए मेरे पांच साल के बेटे का स्कूल में नामांकन कराया जाए। इसके अलावा खूंटी की एक महिला बंदी ने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरी छह वर्षीय बेटी के उचित लालन- पालन के साथ उसे शिक्षा से जोड़ा जाए।