Ranchi:मनपसंद ड्राइवर और बॉडीगार्ड के बिना साहब नहीं कर सकते अपनी ड्यूटी, 6 साल से एक ही जगह जमे रहने के बाद भी नहीं होता तबादला
राँची।राजधानी में कई ऐसा थाना और वरीय अधिकारी का कार्यालय है जहां उनके बॉडीगार्ड और ड्राइवर पिछले 5 वर्ष से ज्यादा समय से जमे हुए हैं। साहब को अपने मनपसंद ड्राइवर और बॉडीगार्ड चाहिए। मनपसंद ड्राइवर और बॉडीगार्ड के बगैर साहब अपनी ड्यूटी ही नहीं कर सकते। पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है कि कई ड्राइवर और बॉडीगार्ड एक ही जगह पर पिछले कई वर्षों से जमे हैं लेकिन इसके बाद भी उनका तबादला करने का वे हिम्मत नहीं जुटा पाते। कई वर्षों से एक ही जगह पर ड्राइवर और बॉडीगार्ड के जमे रहने की वजह से क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।जिसका आम लोगों को काफी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जो पुलिसकर्मी पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं।वह तो पूरी मस्ती में अपना समय काट रहे हैं।लेकिन पुलिस विभाग में ही अन्य कर्मियों के बीच इसे लेकर काफी नाराजगी रहती है। हालांकि वरीय अधिकारियों का सह मिले होने की वजह से एक ही जगह पर काफी दिनों से जमे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई मुंह नहीं खोलना चाहता। एक ही जगह पर जमे पुलिसकर्मियों की सह पर इलाके में अवैध कारोबार का भी धंधा चलता है जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ता है। ऐसे में एक ही जगह पर पिछले कई वर्षों से जमे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार कर जल्द ही स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।कुछ महीने पहले अखबार में खबर छपने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों का तबादला हुआ था।लेकिन कई ऐसे हैं जो कई वर्षों से जमे हुए हैं।
विभाग में ही अक्सर चर्चा करते हुए कहते हैं पुलिसकर्मी,बड़े साहब के हैं चहेता तो कैसे होगा दूसरे जगह तबादला
विभाग में ही अक्सर पुलिसकर्मी आपस में बातचीत करते हुए लंबे समय से एक ही जगह पर जमे बॉडीगार्ड और ड्राइवर के बारे में चर्चा करते हैं। हालांकि पुलिसकर्मियों में से ही कुछ लोग उन्हें बड़े साहब का चहेता बताते हुए बातों को टाल देते हैं। पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर जमे पुलिसकर्मियों को तबादला आखिर वरीय अधिकारी क्यों नहीं करते हैं या सभी के समझ से परे है।
थानेदार के आंख बने रहते हैं ड्राइवर तो कान बॉडीगार्ड, प्रभारी से भी छुपा लेता है अवैध कारोबार के अड्डे का पता
विभिन्न थानों में लंबे समय से एक ही जगह पर जमे ड्राइवर और बॉडीगार्ड को क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी रहती है। ड्राइवर और बॉडीगार्ड को प्रत्येक गली मोहल्ले में चलने वाले अवैध कारोबार के अड्डे की जानकारी रहती है। हालांकि अवैध कारोबार करने वाले लोग ड्राइवर और बॉडीगार्ड को विभिन्न तरह का प्रलोभन देकर अपने साथ कर लेते हैं ताकि प्रभारी या थाना की पुलिस पार्टी को वहां पहुंचने से पहले ही उसे जानकारी मिल सके। जुआ अड्डा समेत विभिन्न तरह का अवैध कारोबार में लिप्त लोगों को कई वर्षों से जमे ड्राइवर और बॉडीगार्ड का पूरा सहयोग मिलता है। यही वजह है कि जुआ अड्डा पर छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम को पहुंचने से पहले ही सरगना फरार हो जाता है।
ड्राइवर और बॉडीगार्ड के नाम जो पिछले 5 वर्ष से ज्यादा समय से एक ही जगह पर कर रहे हैं ड्यूटी
—आशुतोष खान एएसपी का ड्राइवर (7 वर्ष से एक ही जगह)
—अजय ओझा, सदर डीएसपी का बॉडीगार्ड (7 वर्ष से एक ही जगह)
—जयराम यादव, लोअर बाजार थाना प्रभारी का ड्राइवर (7 वर्ष से एक ही जगह)
—रविंदर सिंह, लालपुर थाना प्रभारी का ड्राइवर (10 वर्ष से एक ही जगह)
—अमृत तिग्गा, सुखदेव नगर थाना प्रभारी का बॉडीगार्ड (10 वर्ष से एक ही जगह)
—बबलू कुमार, डोरंडा थानेदार का बॉडीगार्ड (7 वर्ष से एक ही जगह)
—असीम मींज, लोअर बाजार थानेदार का बॉडीगार्ड (8 वर्ष से एक ही जगह)
—लाल बाबू, रातू थानेदार का बॉडीगार्ड, (6 वर्ष से)
अन्य कई पुलिस वाले हैं जो एक ही जगह में कई वर्ष से जमे हैं