राँची के हिंदपीढ़ी में धर्म विशेष के पुलिसकर्मियों के नियुक्ति के मामले में हेमंत सरकार पर भड़के बाबूलाल मरांडी, बताया खतरनाक
राँची:हिंदपीढ़ी में धर्म विशेष के पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति का बाबूलाल मरांडी ने विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने विगत दिनों हिंदपीढ़ी,राँची में विधि व्यवस्था बनाये रखने को धर्म विशेष के पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार के इस निर्णय को खतरनाक बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। सीएम हेमंत सोरेन को इस संबन्ध में पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे निर्णय के दूरगामी असर होंगे। सरकार अगर यह सोच रही है कि धार्मिक आधार पर धर्म विशेष के पदाधिकारियों की नियुक्ति से लाभ मिलेगा तो यह एक गलत और घातक कदम है। सरकार इस पर पुनर्विचार करे। सीएम को लिखे पत्र में बाबूलाल ने कहा है कि किसी भी समाज में विधि व्यवस्था में धार्मिक आधार पर विभाजन समाज में विकृतियों को जन्म देगा। इसका असर लम्बे समय तक रहेगा और समाज में एक बड़ी खाई बनेगी। सरकार को यह सोचना चाहिये कि भविष्य में अगर ऐसी ही समस्या किसी बहुसंख्यक इलाके में उत्पन्न हो जाए और वहां धर्म विशेष के पुलिस या प्रशासनिक पदाधिकारी को हटाने की मांग हो जाये तो स्थिति मुश्किल हो सकती है।
सीएम लेते हैं सर्व धर्म समभाव के अनुरूप कार्य करने की शपथ
बाबूलाल के अनुसार किसी भी स्थिति में सरकार को वोट की राजनीति से परे रहना चाहिये. सामाजिक संतुलन को ध्यान रखते हुए सर्व धर्म समभाव नीति के मूल मन्त्र पर चलना चाहिये। एक सीएम के तौर पर शपथ लेते समय भी इसी मार्ग पर चलने का वचन दिया जाता है। धर्म विशेष के पदाधिकारियों की नियुक्ति किये जाने के मामले में राज्य सरकार अविलम्ब अपने कदम पीछे हटाये. इस मामले में जिस किसी पदाधिकारी के मन में यह भाव आया और इस पर अमल किया गया, उसकी पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाये।
पिछले दिनों हिंदपीढ़ी, रांची में कोरोना पॉजिटिव एक महिला का मामला सामने आने और इसके बाद मेडिकल टीम के साथ हुए विवाद के बाद वहां विधि व्यवस्था बनाये रखने को अलग से मुस्लिम अफसरों की तैनाती की गयी है। इनका काम लॉकडाउन को सफल बनाना और स्क्रीनिंग में सहयोग प्रदान करने में प्रशासन को सहयोग करना है। डीएसपी रैंक के 4 अधिकारियों के अलावा, सीआईडी के तीन डीएसपी के अलावा पीसीआर, ट्रैफिक और राजधानी के विभिन्न थानों में तैनात करीब 45 मुस्लिम पुलिस अफसरों की तैनाती की गयी है। बाबूलाल मरांडी ने सरकार के इसी फैसले पर आपत्ति जतायी है।