राज्यसभा चुनाव 2016@राजनीति:केस जो कभी बंद ही नहीं हुआ,उसके अनुसंधानक को केस “असत्य” करार देकर बंद करने के आरोप में शोकॉज किया गया,पढ़े रिपोर्ट-
राज्यसभा के केस में पुलिस पहले सही की अब क्या? पढ़े अखिलेश सिंह की रिपोर्ट:
Akhileshsingh.in
राँची।राज्यसभा चुनाव 2016 में कथित टेप वायरल होने के बाद मामले की जांच पुलिस के द्वारा की जा रही है। मार्च 2018 में भारत सरकार के निर्वाचन आयोग के पत्र के आधार पर जगन्नाथपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। केस में एडीजी अनुराग गुप्ता और तात्कालीन सीएम रघुवर दास के सलाहकार अजय कुमार को आरोपी बनाया गया। लंबे चले अनुसंधान में पहले पुलिस में हर पक्ष का बयान लिया।कथित ऑडियो के मूल रिकॉर्डिंग यंत्र जांच की धुरी बन गयी। चुनाव में खरीद फरोख्त का प्रमाण तलाशने में पुलिस नाकाम रही। लेकिन 23 दिसंबर 2019 को सरकार बदली। सरकार ने केस में एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया। सीआइडी में जगन्नाथपुर थाने में दर्ज केस की समीक्षा हुई।जांच में 40 नए बिंदु जोड़े जाने के बाद पुलिस जांच को लेकर रेस है। जेल में बंद योगेंद्र साव, उनकी पत्नी व पूर्व विधायक निर्मला देवी का बयान नए सिरे से हुआ है।
केस कभी बंद हुआ नहीं, लेकिन इसी ग्राउंड पर घेरे गए पुराने जांच अधिकारी–
राँची डीआईजी अखिलेश कुमार झा के द्वारा इस मामले की समीक्षा के बाद केस के अनुसंधानक रहे जगन्नाथपुर के पूर्व थानेदार अनूप कर्मकार से शोकॉज पूछा गया था।डीआईजी के निर्देश पर एसएसपी राँची ने अनूप कर्मकार को शोकॉज भेजा था। 21 मई को भेजे गए शोकॉज में केस के अनुसंधानक पर आरोप लगाया गया कि अनेक बिंदुओं पर अनुसंधान पूरा किए बगैर केस के अनुसंधानक ने कैसे इस मामले में अंतिम प्रतिवेदन असत्य करार दे दिया।केस के पूर्व अनुसंधानक को दस दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया था।इसी साल रिटायर हो चुके केस के अनुसंधानक अनूप कर्मकार ने शोकॉज का जवाब भेज दिया है। चौकानें वाली बात यह है कि केस में कभी अंतिम प्रतिवेदन सौंपा ही नहीं गया था।
पूर्व इंस्पेक्टर ने जवाब में कहा–
अनुसंधान थानेदार को सौंपा,केस अनुसंधानरत
पूरे मामले में एक जून को केस के अनुसंधानक रहे अनूप कर्मकार ने शोकॉज का जवाब राँची एसएसपी को भेजा।राँची डीआईजी के पत्रांक का जिक्र करते हुए अनूप कर्मकार ने राँची एसएसपी को भेजे पत्र में बताया कि कांड संख्या 154/18 के मामले में अंतिम प्रतिवेदन असत्य समर्पित करने को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। इस मामले में भेजे जवाब में अनुसंधान पदाधिकारी रहे अनूप कर्मकार ने बताया कि अनुसंधान के दौरान वरीय पदाधिकारियों के द्वारा मिले निर्देश व न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरश: पालन किया गया है। अनूप कर्मकार ने बताया कि 16 जनवरी 2020 को उन्होंने केस का प्रभार वर्तमान जगन्नाथपुर थानेदार अभय कुमार सिंह को सौंप दिया था। वर्तमान थानेदार ने विचार विमर्श के बाद 20 फरवरी को केस का प्रभार ग्रहण किया। अफसरों को भेजे गए शोकॉज के जवाब में अनूप कर्मकार ने लिखा कि यह कांड अभी तक अनुसंधान अंतर्गत है। उन्होंने कभी इस केस में अंतिम प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया। अपने ऊपर लगे आरोपों के समर्थन में अनूप कर्मकार ने पदभार देने संबंधी केस दैनिकी के हिस्से को भी सबूत के तौर पर भेजा है। केस में अंतिम प्रतिवेदन सौंपे जाने के बाद अनुसंधान बंद हो जाता है।
हाईप्रोफाइल है मामला, दुबारा लिया जा रहा बयान
राज्यसभा चुनाव का मामला काफी हाईप्रोफाइल है। इस मामले में जगन्नाथपुर थाने में एडीजी अनुराग गुप्ता व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के तात्कालिक राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार को नामजद आरोपी बनाया गया था। केस में पुलिस ने दुबारा नए तरीके से पूछताछ शुरू की है। इस कांड में पूर्व में निर्मला देवी, योगेंद्र साव, चमरा लिंडा का बयान दर्ज किया गया था। सीआईडी एडीजी अनिल पालटा के द्वारा समीक्षा के बाद दुबारा सभी का बयान दर्ज किया जा रहा है। पुलिस ने इसी हफ्ते योगेंद्र साव व निर्मला देवी का बयान पूरे मामले में लिया है। वहीं इसी कांड को लेकर 14 फरवरी को राज्य सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित किया था।