राँची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति के लिए रेलवे का फरमान,अवैध रूप से हो रहा है पंडाल का निर्माण,आरपीएफ को कार्य रोकने का निर्देश
राँची।रेलवे स्टेशन राँची में विगत 70 वर्षों से मन रहे दुर्गा पूजा को इस बार रोकने का फरमान रेलवे ने जारी किया है। रेलवे राँची के एसएसई अॉफिस(वर्क) की ओर से आरपीएफ राँची को पत्र लिखकर कहा गया है कि राँची रेलवे के परिसर में बिना अनुमति के दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। उक्त पंडाल के निर्माण कार्य को तुरंत रोका जाए। उक्त पत्र तीन अगस्त को जारी किया गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि दुर्गा पूजा कमिटी की ओर से रेलवे से बिना अनुमति लिए पूजा पंडाल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इधर, पूजा पंडाल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। करीब 30 लाख रुपए की लागत से पूजा पंडाल का इस बार निर्माण हो रहा है। पंडाल निर्माण का लगभग आधा कार्य हो चुका है। इस साल राँची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति के पंडाल का थीम मशरूम क्लाउड है। कोलकाता से आए कलाकार विगत 20 दिन से लगातार निर्माण कार्य में है। अब पूजा में करीब 50 दिन ही शेष रह गए है।
कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल बाद हो रहा है वृहद पंडाल का निर्माण
कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले दो साल पूजा पंडाल का निर्माण बहुत ही छोटे स्तर पर हुआ। दो वर्ष बाद बड़े पैमाने पर पूजा पंडाल का निर्माण इस वर्ष हो रहा है। पूर्व में पूजा पंडाल रेलवे स्टेशन राँची के मुख्य गेट के ठीक सामने हुआ करता था। लेकिन रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण की वजह से पूजा पंडाल की जगह से वहां से शिफ्ट करते हुए वर्ष 2018 में पीछे कर दिया गया था। उसके बाद से ही रेलवे स्टेशन राँची का दुर्गा पूजा वहीं हो रहा है।
परिसर में बने मंदिर को भी हटाने का निर्देश
आरपीएफ राँची को भेजे गए पत्र में पूजा पंडाल के निर्माण कार्य को रोकने के साथ साथ परिसर में बने दुर्गा मंदिर के भी हटाने के लिए कहा गया है। जबकि रेलवे परिसर में स्थायी दुर्गा मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
70 वर्षों से हो रही है पूजा, जगह भी रेलवे ही ने दिया है : अध्यक्ष
राँची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष मुनचुन राय ने कहा कि विगत 70 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन परिसर में हो रहा है। 2018 में विस्तारीकरण के दौरान आयोजन स्थल को बदला गया। जिस स्थान पर अभी दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है उसे रेलवे के ही अधिकारियों ने आवंटित किया था। अचानक पूजा पंडाल के निर्माण को रोकने के आदेश जारी करना सही नहीं है।