22 मार्च को देशभर में जनता कर्फ्यू, प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से की सहयोग की अपील
नई दिल्ली। मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा विश्व इस समय संकट में फंसा है। आमतौर पर जब कभी प्राकृतिक संकट आता है तो वह कुछ देशों में आता है। इस बार ऐसा संकट है जिसने विश्व भर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब प्रथम, द्वितीय विश्व युद्ध हुआ तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे, जितने आज कोरोना से हुए हैं। पिछले दो महीने से हम निरंतर दुनिया भर से आ रहे कोरोना वायरस से जुडी चिंताजनक खबरें देख और सुन रहे हैं। इन दोनों महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है। सभी देशवासियों को आवश्यक सावधानियां बरतने का भरसक प्रयास भी किया है। लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा माहौल बन रहा है, ऐसा लग रहा है कि जैसे हम संकट से बचे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘ऐसा लगता है वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। साथियों आपसे जब भी मैने जो भी मांगा मुझे कभी भी देशवासियों ने निराश नहीं किया। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हम सब मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। प्रयास सफल भी हो रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं आप सभी देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मोदी ने कहा, ‘मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। आपका आने वाला कुछ समय चाहिए। प्यारे देशवासियों अभी तक विज्ञान कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ निश्चित उपाय नहीं सोच पाया है। न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में हर किसी को चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अध्ययन में बात सामने आई है कि इन देशों में शुरूआती कुछ दिनों में बीमारी का विस्फोट हुआ है। कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार इस स्थिति पर इस ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर रखे हुए है। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है।
क्या है जनता कर्फ्यू
पीएम मोदी के मुताबिक, इस रविवार यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक कोई व्यक्ति बाहर न निकले। अपने आप से कर्फ्यू जैसे हालात करने हैं। पीएम ने अपील की कि संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। पीएम ने अपील की कि रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। पीएम ने अस्पतालों पर दबाव का जिक्र करते हुए लोगों से कहा कि वे रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।
जनता कर्फ्यू का क्या मकसद
प्रधानमंत्री के अनुसार, ये जनता कर्फ्यू कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। उन्होंने कहा कि ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा। पीएम के मुताबिक, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।
पीएम मोदी ने ब्लैक आउट के बारे में समझाया
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी तो गांव-गांव में ब्लैक आउट किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज लगाया जाता था, लाईट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे।
कोविड-19 के लिए बनी टास्क फोर्स
पीएम मोदी ने ऐलान किया वित्त मंत्री के नेतृत्व में कोविड-19 इकॉनमिक टास्क फोर्स बनाई जा रही है। ये टास्क फोर्स सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर प्रभावी रूप से अमल हो।