नेताओं और अफसरों का करीबी प्रेम प्रकाश बिरसा मुंडा जेल से चला रहा था सिंडिकेट,गवाहों को तोड़ने का चल रहा था प्रयास….
–ईडी के अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए गिरफ्तार आरोपी नक्सलियों के भी संपर्क में थे
–ईडी ने खतरे की आशंका जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस बात की दी है जानकारी
राँची।बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद कुछ आरोपी ईडी के अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में थे। इसके लिए वे नक्सलियों से भी संपर्क में थे। इसके लिए वे लगातार नक्सलियों से संपर्क कर रहे थे। ईडी के अधिकारियों को इस बात की जानकारी मिली तो खतरे की आशंका जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस बात की जानकारी दे दी गई है। अब केंद्र भी इस पूरे मामले को गंभीरता से देख रहा है। ईडी ने झारखण्ड में मनरेगा घोटाला, खनन घोटाला, टेंडर कमीशन घोटाला व जमीन घोटाला मामले में अनुसंधान के दौरान बड़ा खुलासा किया है। इसमें नेता से लेकर नौकरशाह तक को ईडी कटघरे में लिया है। आने वाले दिनों में और भी कई नेता व अफसर ईडी के अनुसंधान के दायरे में आ सकते है। जिसके बाद से ही ईडी के अधिकारी व उनका कार्यालय राज्य के लिए चर्चा के केंद्र में हैं।
-जेल प्रशासन की मदद से बिरसा मुंडा जेल में लगे सीसीटीवी से कई अहम साक्ष्य को किया गया है नष्ट, गवाहों को भी तोड़ने की हो रही है कोशिश, ईडी ने जेल में लगा रखा था सर्विलांस
अवैध माइनिंग और जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ताओ और अफसरों के करीबी रहे प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था। वह लंबे समय से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है। शुक्रवार को ईडी की एक टीम ने प्रेम प्रकाश और उसके सहयोगियों की गतिविधियों को लेकर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छापेमारी की। ईडी को यह जानकारी मिली है कि प्रेम प्रकाश बिरसा मुंडा जेल से ही अपना सिंडिकेट चला रहा है। किस काम को करना है और किस काम को नहीं, उक्त काम के लिए किसे कहां पैसे पहुंचाने है यह पूरा डायरेक्शन प्रेम प्रकाश अपने सहयोगियों को जेल से ही दे रहा है। ईडी को इस संबंध में पुख्ता सबूत हासिल हुए है। ईडी को यह भी जानकारी हुई है कि जेल में प्रेम प्रकाश गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। वह गवाहों को यह समझा रहा है कि ईडी के अधिकारियों के विरुद्ध एसटी/एससी का केस कर उन्हें फंसाए ताकि ईडी ने जो उनके विरुद्ध केस दर्ज किया है वह कमजोर हो जाए। ईडी ने इन्हीं सभी सूचनाओं के बाद जेल को सर्विलांस पर रखा था। सर्विलांस के दौरान ईडी को जेल में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली। इसके बाद ईडी ने कोर्ट से छापेमारी के लिए अनुमति ली। कोर्ट की अनुमति के बाद ईडी ने शुक्रवार की शाम जेल पहुंची। ईडी के साथ छापेमारी में केंद्रीय बल के जवान भी शामिल हैं।
सीसीटीवी फुटेज को किया जा रहा है नष्ट, ईडी को मिले है सबूत
छापेमारी के दौरान ईडी को सबूत मिले है कि जेल में लगे सीसीटीवी फुटेज को नष्ट किया जा रहा है। ताकि प्रेम प्रकाश सहित ईडी द्वारा गिरफ्तार अन्य आरोपियों को जो सुविधाएं मुहैय्या कराई जा रही है उसकी जानकारी ईडी को नहीं लग सके। इसमें प्रेम प्रकाश का सहयोग जेल प्रशासन ही कर रहा है। सीसीटीवी फुटेज को नष्ट किया जा रहा है जल्द ईडी जेल प्रशासन के विरुद्ध पीएमएलए कोर्ट में जानकारी दे सकता है। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में मनरेगा घोटाला, अवैध खनन घोटाला, टेंडर कमीशन घोटाला और जमीन घोटाला के आरोपी बंद है।
अलग अलग मामलो में गिरफ्तार ये है बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद
ईडी द्वारा अलग अलग मामलों में गिरफ्तार कई आरोपी जेल में है। इनमें रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित आईएएस छवि रंजन, बड़गाईं अंचल का राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, नेताओं व नौकरशाहों का करीबी प्रेम प्रकाश, जगत बंधु टी इस्टेट का संचालक दिलीप घोष, कोलकाता का कारोबारी अमित अग्रवाल, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, इम्तियाज अहमद, प्रदीप बागची, तल्हा खान, फैयाज खान, मोहम्मद सद्दाम हुसैन, भरत प्रसाद, राजेश राय, कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत, टिंकल भगत, आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, उनका चचेरा भाई आलोक रंजन, हरीश यादव, भानु कंस्ट्रक्शन केस में संजय तिवारी व राजू कुमार और शराब घोटाले में गिरफ्तार योगेंद्र तिवारी शामिल है।
तीन है वर्तमान में पुलिस हिरासत में इलाजरत
वर्तमान में ईडी द्वारा अलग अलग मामलों में गिरफ्तार पुलिस हिरासत में रिम्स व अन्य जगहों में इलाजरत है। इनमें निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, पंकज मिश्रा और विष्णु अग्रवाल शामिल है।
इन्हें मिल चुकी है जमानत
अवैध खनन और मनरेगा घोटाला में गिरफ्तार तीन आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इनमें बच्चू यादव, पशुपति यादव, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार शामिल है।