झारखण्ड हाईकोर्ट के अधिवक्ता को नियमों का पालन किए बिना राँची से उठाकर ले जाने वाला पुलिस पदाधिकारी सस्पेंड
राँची/पटना।झारखण्ड हाईकोर्ट के वकील रजनीश वर्धन को नियमों का पालन किए बिना घर से उठाकर पटना बिहार ले जाने के मामले में जांच पदाधिकारी को पटना पुलिस ने निलंबित कर दिया है।इस सम्बंध में गुरुवार को बिहार सरकार की ओर से झारखण्ड हाईकोर्ट को यह जानकारी दी गई। इस पर कोर्ट ने झारखण्ड सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं अदालत ने मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को निर्धारित की है।घटना को लेकर अधिवक्ता की पत्नी ने इसके खिलाफ झारखण्ड हाईकोर्ट में हेवियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण ) दायर की है। हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
इधर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पटना और राँची पुलिस की संयुक्त कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की थी और दोनों को जवाब दाखिल करने को कहा था। पटना पुलिस ने जवाब दाखिल कर जांच पदाधिकारी को निलंबित करने की जानकारी दी।वहीं इस मामले में राँची के एसएसपी ने शपथपत्र देकर कहा कि दानापुर थाना के एक मामले में दानापुर पुलिस ने वकील को गिरफ्तार किया था। उन्होंने स्वीकार किया है कि इस मामले में नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसके लिए जिम्मेवार पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वकील को पटना ले जाने के पहले ट्रांजिट रिमांड पर नहीं लिए जाने की बात भी एसएसपी ने स्वीकार की है।
मामला क्या है;
दानापुर पुलिस सात नवंबर को देर रात वकील रजनीश वर्धन को बिना किसी कारण बताए सुखदेवनर थाना के इंद्रपुरी रोड नंबर 13 से उठाकर ले गई थी। पुलिस ने उन्हें ले जाने का कोई कारण नहीं बताया और न ही कोई सूचना दी थी। परिजनों के पूछने पर भी पुलिस ने कुछ नहीं बताया था। इसके बाद आठ नवंबर को वकील की पत्नी श्वेता प्रियदर्शनी ने हाईकोर्ट में हेवियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर कर पति को प्रस्तुत करने की गुहार लगायी है। इसके बाद दानापुर पुलिस ने वकील को छोड़ दिया था।