शांति बच सकती थी,अगर लोगों ने थोड़ी मानवता दिखा देता,विधवा महिला की बच्चों के सामने गला रेत दिया,बचने के लिए लोगों से मदद मांगी,लोगों ने …..

चाईबासा।झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में हाटगम्हरिया के कुईड़ा गांव में सनसनीखेज घटना को अंजाम दिया है।बताया जा रहा है कि विधवा महिला शांति सुंडी (32) की शनिवार रात गला रेतकर हत्या कर दी।हलांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में दो आरोपी बुंदिराम बिरूवा और माटा सुन्डी को गिरफ्तार कर लिया है।बताया गया को इस दर्दनाक मौत से बचने के लिए शांति सुंडी मौत के पहले अपने चार बच्चों के साथ गांव में इधर-उधर भागती रही और लोगों से बचाने की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए सामने नहीं आया, आखिरकार उसने एक घर के दरवाजे के सामने दम तोड़ दिया। मृतका के बच्चे

मिली जानकारी के अनुसार,अब तक की जांच में जो हत्या का कारण आया है वह भी अजीबोगरीब है।शांति सुंडी के पति सोनाराम सुंडी उर्फ गमन सुंडी की 2017 में बाइक हादसे में मौत हो गई थी। घटना के समय वह अपने दोस्त चोकरो सुंडी की बाइक चला रहा था। हादसे में बाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।चोकरो संुडी का चाचा माटा सुंडी जबरन उस क्षतिग्रस्त बाइक को खरीदने का शांति सुंडी पर दबाव बना रहा था।शांति सुंडी के दो बेटे और दो बेटियां हैं।वह बाइक खरीदने में असमर्थ थी। इसी से नाराज होकर माटा सुंडी और उसके साथी बुंदिराम बिरूवा ने इस इस घटना अंजाम दिया।वहीं दोनों आरोपियों ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अपनी गलती स्वीकार कर ली है।

घटना के सम्बंध में बताया गया कि घटना के समय विधवा शांति सुंडी अपने चारों बच्चों के साथ सोने की तैयारी कर रही था।उसी दौरान अरोपी बुंदिराम और माटा आया।बच्चों को दूसरी तरफ भेज दिया और शांति को खटिया पर लिटाकर चाकू से गला रेत दिया. उस दौरान छोटी बेटी पिंकी सुंडी अपनी माँ से लिपटी हुई थी। माँ के गले से निकले खून से वह पूरी तरह लतपथ हो गई. वारदात को अंजाम देकर दोनों आरोपी वहां से फरार हो गए।दूसरी ओर, मौत से जूझ रही शांति सुंडी लोगों की मदद के लिए करीब आधा किलोमीटर तक गांव में दौड़ लगाती रही।अंततः उसने रामसिह खंडाईत के घर के बाहर गिर गई और वहां उसकी मौत हो गई।घटनास्थल पर बड़ी बेटी सुमिला लक्ष्मी सुन्डी, बेटा गगन सुन्डी और छोटी बेटी पिंकी सुंडी रोते बिलखते हुए लोगों से मदद मांग रही थी,लेकिन कोई सामने नहीं आया।वहीं, दूसरा बेटा दुम्बी सुंडी (10) दौड़ते हुए अपने चाचा नरकांत सुंडी को बुलाने नीचे टोली चला गया। चाचा जब तक घटनास्थल पहुंचे शांति की मौत हो चुकी थी।इसकी खबर थाना को दी गयी। खबर मिलते ही थाना प्रभारी बालेश्वर उरांव घटनास्थल पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर रविवार को पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा भेजा।इस हृदयविदारक वारदात के बाद शांति के चारों छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए हैं।

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