नई दिल्ली:पाँच राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा,10 फरवरी से शुरू और 10 मार्च को नतीजें आएंगे,यूपी में सात चरणों में चुनाव
नई दिल्ली।उत्तरप्रदेश,पंजाब सहित पाँच राज्यों में चुनाव के आज शनिवार को चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है।
इसके साथ ही कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बीच चुनावी तारीखों की घोषणा के साथ ही उत्तरप्रदेश,पंजाब,उत्तराखंड,गोवा, मणिपुर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।चुनाव आयोग ने शनिवार (8 जनवरी, 2022) को पाँच राज्यों-उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी। 5 राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव होंगे। आयोग ने कहा कि कोरोना काल में इलेक्शन कराना चुनाव आयोग का उद्देश्य है।मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्र दो अन्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के साथ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा की। इन राज्यों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होंगे और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। इस बार पाँच राज्यों के चुनाव में कुल 18.34 करोड़ मतदाता हैं, इनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं।चुनाव तारीखों की घोषणा होने के साथ ही सभी पाँच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसी के साथ ही राज्य सरकारों की शक्तियाँ चुनाव आयोग के हाथ में आ गई। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए चुनाव प्रचार डिजिटल, वर्चुअल और मोबाइल के जरिए ही करें।इसके अलावा राजनैतिक पार्टियाँ रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक कोई भी चुनावी कोई प्रचार या जनसंपर्क नहीं कर सकेंगी। विजय जुलूसों पर पूरी तरह रोक रहेगी। विजेता उम्मीदवार को सिर्फ दो लोगों के साथ ही प्रमाण पत्र लेने की इजाजत होगी। इसके अलावा चुनाव आयोग ने आज से 15 जनवरी तक रोड शो,रैली, साइकिल रैली,पद यात्रा पर रोक पूर्ण रुप से रोक लगा दी है।
एक घण्टा बढ़ा वोटिंग का समय, खर्च में भी बढ़ोत्तरी
एक अहम ऐलान में चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदान के लिए समय को एक घंटा बढ़ा दिया गया है। ऐसा कोरोना की वजह से किया गया है। चुनाव आयोग ने इस बार उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा को बढ़ा दिया है। राज्यों के दर्जे के मुताबिक विधायक उम्मीदवार 28 लाख से 40 लाख रुपए तक चुनाव प्रचार में खर्च सकता है।इसके साथ ही आयोग ने नशीले पदार्थ, शराब, काला धन या मुफ्त उपहार आदि वस्तुएँ बाँटने लाने या ले जाने वालों पर कड़ी नजर रखने के लिए आयकर, डीआरआई और रेलवे सहित कई एजेंसियों और संस्थानों को अलर्ट किया है।इसके अलावा आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को अखबार, टीवी,मीडिया और वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग अलग चरणों पर अपनी पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
उत्तर प्रदेश में कब कब होंगे चुनाव
पाँच राज्यों की जिन 690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव होंगे, उनमें सर्वाधिक 403 विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हैं। पंजाब में 170, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 तथा गोवा में 40 विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में 29% मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा का कार्यकाल 15 मई तक है।भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए आम चुनाव सात चरण में होगा। प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण, 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पाँचवें चरण, 3 मार्च को छठे चरण तथा 7 मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा। इसके बाद दस मार्च को मतगणना होगी।
पंजाब में एक चरण में होगा चुनाव
पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में चुनाव 14 फरवरी, 2022 को होगा और 10 मार्च, 2022 को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे। बता दें कि पंजाब में विधानसभा का कार्यकाल इस साल फरवरी, 2022 को समाप्त हो रहा है। वर्तमान में वहाँ कांग्रेस की सरकार है।पंजाब में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 59 सीटों का आँकड़ा हासिल करना होगा। पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थी और दस साल बाद सत्ता हासिल की। वहीं, अकाली दल-भाजपा गठबंधन मात्र 18 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाया था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी थी।
उत्तराखंड में चुनाव की तारीख
आयोग ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि राज्य में चुनाव एक चरण में 14 फरवरी को होगा। 10 मार्च, 2022 को मतगणना की जाएगी। 70 सीटों वाले उत्तराखंड में कुल 81 लाख 43 हजार 922 वोटर्स हैं, जिनके वोट को लेकर भाजपा और कॉन्ग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई है।
उत्तराखंड में फिलहाल भाजपा की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हैं। मुख्य विपक्षी दल के तौर पर कांग्रेस है, जो भाजपा से पहले सत्ता में रह चुकी है। हालांकि क्षेत्रीय दल UKD का बढ़ता दायरा एवं आम आदमी पार्टी इस चुनाव को रोचक बना सकते हैं। इस बार आम आदमी पार्टी ने भी उत्तराखंड में ताल ठोकी है।
गोवा में चुनावी तारीख
पंजाब और उत्तराखंड की तरह गोवा में भी एक चरण में मतदान कराया जाएगा। यहाँ मतदान 14 फरवरी को कराया जाएगा। गोवा में 40 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणामों की गिनती भी 10 मार्च को पाँचों राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों की गिनती के साथ ही की जाएगी।
बता दें कि गोवा में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 21 का जादुई आँकड़ा छूना होता है। 2017 के गोवा विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस से कम सीटें जीती थीं। भाजपा केवल 13 सीटे ही जीत सकी थी। कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थी।
हालाँकि भाजपा ने 3 एमजीपी विधायकों, 3 जीएफपी विधायकों, दो निर्दलीय और एक एनसीपी विधायक के समर्थन से गोवा में सरकार बना ली थी। मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने। वर्तमान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने, 17 मार्च 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद, मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था।
मणिपुर में कब है चुनाव
निर्वाचन आयोग ने मणिपुर विधानसभा के लिए भी चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया है। मणिपुर में चुनाव दो चरणों मे होंगे। 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होंगे तथा 10 मार्च को चुनावी नतीजे घोषित होंगे। बता दें 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल इस साल 19 मार्च को खत्म हो जाएगा।
मणिपुर में बहुमत का आँकड़ा 31 है। 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। जबकि बीजेपी 21 ने सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव में नेशनल पीपल्स पार्टी और नगा पीपल्स फ्रंट को चार-चार और एलजेपी, टीएमसी को एक-एक सीट मिली थी।
हालाँकि यहाँ भी गोवा की तरह भाजपा ने गठबंधन से सरकार बना ली थी और एन बीरेंद्र सिंह यहाँ के सीएम बने थे। मणिपुर में सत्तारूढ़ एनडीए में बीजेपी (29), एनपीएफ (5), एनपीपी (3) और आईएनडी (1) शामिल हैं। सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली कॉन्ग्रेस विपक्ष में है।