#राँची की एक और बेटी बिकी : घर वाले जिस नाबालिग को पांच साल पहले लापता होने पर मृत समझ बैठे थे, उसे दिल्ली में ले जाकर मानव तस्करों ने बेच डाला ।

●भाई को दो माह पहले मिली जानकारी, चार सितंबर को रांची के कोतवाली थाना स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में दर्ज कराई प्राथमिकी, अब बहन के वापसी का है इंतजार

राँची।मानव तस्करों द्वारा बहला फुसला कर झारखण्ड की बेटियों को दूसरे शहर में ले जाकर मानव तस्करों द्वारा बेचने का सिलसिला लगातार जारी है। राँची की एक बेटी जिसे घर वाले लापता होने के बाद मृत समझ बैठे थे,उसके बारे में पांच वर्ष बाद जानकारी मिली है की उसे दो मानव तस्करों ने दिल्ली में ले जाकर बेच दिया था। मामला राँची के लापुंग थाना के तिगरा गांव की है। आज से पांच साल पूर्व जब तिगरा गांव की (नाम बदला हुआ)असरिता 17 साल की थी, तब घर से लापता हो गई थी। उसे पास के ही इटकी थाना क्षेत्र के बाराडीह गांव के रहने वाले दो मानव तस्करों ने दिल्ली के शक्करपुर में ले जाकर बेच दिया था। उसके लापता होने पर घर वालों को लगा कि वह मर चुकी है। घर वालों ने उसकी काफी तलाश की। लेकिन उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। घर वालों ने उसकी आस ही छोड़ दी थी। लेकिन हाल ही में दो माह पूर्व असरिता के भाई रमेश खाखा को जानकारी मिली की उसकी बहन जिंदा है। उसे मानव तस्करों ने दिल्ली में ले जाकर बेचा है। इसके बाद रमेश खाखा ने कोतवाली थाना स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) में दो मानव तस्करों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।

जब असरिता लापता हुई थी तब भाई रमेश ईंट भट्ठा में मजदूरी करने गया था कोलकाता

लापता असरिता के बड़े भाई रमेश खाखा ने बताया कि जब पांच वर्ष पहले वह घर से लापता हुई थी तब वह ईंट भट्ठा में काम करने के लिए कोलकत्ता गया हुआ था। तीन बहने व एक भाई घर में माता पिता का पूरा परिवार, घर की जिम्मेदारी रमेश पर ही थी। जब असरिता के लापता होने पर घर वाले उसे नहीं ढूंढ सके तब उसकी मां ने उसे सूचना दी। सूचना पाकर उसी दौरान रमेश कोलकाता से वापस लापुंग अपने घर आ गया। रमेश ने भी अपनी बहन को राँची,खूंटी,लोहरदगा और गुमला में जाकर ढूंढा जहां वह जा सकती थी। लेकिन उसके बारे में कुछ पता नहीं चला। दो माह पहले जुलाई में रमेश को जानकारी मिली की ईटकी के ही बरडीह निवासी सुभाष सिंह उसकी बहन का बहला फुसला कर दिल्ली ले गया था। जहां शक्करपुर में उसे बेच दिया था। इस जानकारी पर जब रमेश सुभाष के घर पहुंचा और पूछताछ की तो पता चला कि उसके मामा विमल सिंह जो कर्रा खूंटी में रहता है वह असरिता को दिल्ली ले गया था।

रमेश ने बताया दोनों पहले भी बेच चुके है कई लड़कियों को, पुलिस ने सिर्फ की है उनसे पूछताछ

असरिता के भाई रमेश ने बताया कि दोनों आरोपी पहले भी कई लड़कियों को ले जाकर दिल्ली बेच चुके है। पहले भी आरोपी जेल चुके है। रमेश ने कहा कि मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने सिर्फ दोनों से पूछताछ की है। अभी तक उसकी बहन को दिल्ली से लाने के लिए पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पांच साल बाद उसकी बहन के बारे में जानकारी मिली है। अब घर वालों को उसकी बेसब्री से इंतजार है कि वह दिल्ली से सकुशल वापस लौटे।

टीम लगी हुई है जल्द ही उसे दिल्ली से लाया जाएगा

मामला दर्ज होने के बाद एएचटीयू की टीम लगी हुई है। जल्द ही उसे दिल्ली से वापस राँची लाया जाएगा। वापस लाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।कोरोना संक्रमण की वजह से थोड़ी परेशानी हुई है। –बृज कुमार, प्रभारी एएचटीयू राँची।