Jharkhand/bihar:चर्चित चारा घोटाला:लालू को एक और मामले में हाईकोर्ट से मिली जमानत, फिलहाल जेल में ही रहेंगे लालू यादव..
राँची।देश में चर्चित घोटालों में से एक चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखण्ड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।हाइकोर्ट ने लालू यादव को चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में सशर्त जमानत दे दी है।लालू की जमानत याचिका पर झारखण्ड हाइकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई जहां वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने लालू यादव की पैरवी की। लालू यादव को 2 लाख के फाइन के अलावा 50-50 हजार के दो निजी मुचलके जमा करने की शर्त पर कोर्ट ने जमानत दी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
हाइकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता के द्वारा अदालत से लालू को जमानत नहीं देने की दलील की गयी.वहीं बचाव पक्ष यानी लालू यादव की तरफ से कारावास की अवधि एवं स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मंजूर किये जाने का आग्रह किया गया।
यहां बता दें कि लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत के द्वारा चाईबासा कोषागार से करोड़ों रुपए की अवैध निकासी के मामले में सजायाफ्ता करार दिया गया है. लालू प्रसाद यादव लगभग पिछले 3 वर्ष से ज्यादा समय से जेल में हैं।
इस बीच जुलाई महीने में लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता के द्वारा झारखण्ड हाइकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गयी थी और जमानत के लिए लालू यादव के बिगड़ते स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था. जमानत याचिका में आधार बनाया गया है कि लालू प्रसाद यादव ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआइ कोर्ट द्वारा सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है और लालू प्रसाद यादव फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा गंभीर असाध्य रोगों से ग्रसित हैं इसलिए उन्हें जमानत दी जाये।
चारा घोटाला:लालू को एक और मामले में मिली जमानत, फिलहाल जेल में ही रहेंगे राजद अध्यक्ष
झारखण्ड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उन्हें जमानत दे दी है। लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष को जेल में ही रहना होगा क्योंकि दुमका कोषागार मामला अभी लंबित है।
बता दें कि राँची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। अपनी जमानत याचिका में लालू यादव ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में अपनी आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अपनी बीमारी का भी हलावा दिया था।
इससे पहले 11 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जमानत का विरोध किया था। सीबीआई ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि लालू को चार मामले में सजा सुनाई गई है। सभी मामलों की सजा अलग-अलग चल रही है। जब तक संबंधित अदालत सभी सजा एक साथ चलने का आदेश नहीं दे देती, तब तक सजा अलग-अलग ही चलेंगी। सभी मामलों में आधी सजा काटने के बाद उन्हें जमानत मिल सकती है।
वहीं मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव रिम्स में इलाज करवा रहे लालू यादव से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने इसके लिए जेल प्रशासन से विशेष अनुमति ली थी। बताया जा रहा है कि वे सिंबल पर लालू के हस्ताक्षर लेने के लिए गए थे। इसके बाद वे बिना किसी से बात किए रिम्स से निकल गए। इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
‘लालू कहां रहेंगे कहां नहीं’, इसका फैसला झामुमो नहीं,जेल प्रशासन करेगा
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को साफ किया कि लालू प्रसाद यादव कहां रहेंगे, कहां नहीं, इसका फैसला उनकी पार्टी नहीं करती है बल्कि इसका फैसला जेल प्रशासन एवं रिम्स प्रबंधन करेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल से एक भी सीट न पाने के बाद झामुमो के बिहार में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने के फैसले से उपजी परिस्थितियों में राँची में रिम्स निदेशक के बंगले में इलाजरत लालू प्रसाद को मिली तमाम छूट वापस लिए जाने के कयासों के बीच बुधवार को भट्टाचार्य ने यह स्पष्टीकरण दिया।भट्टाचार्य से जब यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की इस टिप्पणी पर की ‘इतनी मेहमाननवाजी काम नहीं आई,’ सवाल किया गया तब उन्होंने कहा, ‘भाजपा को अपनी सेहत की चिंता करनी चाहिए। लालू जी कहां रहेंगे, कहां नहीं, इसका फैसला झामुमो नहीं करेगा। इसका फैसला जेल प्रशासन और रिम्स प्रबंधन करेगा।’ भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में कोई सीट न मिलने पर झामुमो पर तंज कसा कि ‘इतनी मेहमाननवाजी’ काम न आई।’ उसने आरोप लगाया कि बिहार का महागठबंधन एक बार फिर से ठगबंधन ही साबित हुआ है।