झारखण्ड:बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की तोड़ी कमर, करोड़ों की फसल बर्बाद
◆कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मौसम की मार से सूबे के किसान परेशान हैं।बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।इस सिलसिले में प्रभावित जिलों के डीसी से 48 घंटे में फसल नुकसान पर रिपोर्ट मांगी गई है।
RANCHI:झारखण्ड में पिछले तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है।अनुमान के मुताबिक अबतक 20 करोड़ से अधिक की फसलें नष्ट हो चुकी हैं। रविवार को भी कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई।इससे गेहूं और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।इसको देखते हुए राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को फसलों के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है।
48 घंटे में मांगी रिपोर्ट
कृषि मंत्री बादल ने कहा कि मौसम की मार से सूबे के किसान परेशान हैं. बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस सिलसिले में प्रभावित जिलों के डीसी से 48 घंटे में फसल नुकसान पर रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट के आधार पर किसानों को राहत देने की कोशिश होगी।
इन जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान
जानकारी के मुताबिक बारिश और ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान हजारीबाग, गुमला, लोहरदगा, पलामू और राँची जिले को किसानों को हुआ है।लोहरदगा में गेंहू, सरसों के साथ-साथ सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई हैं।आलम ये है कि ओला प्रभावित गोभी किसान दो रुपये किलो बेचने पर मजबूर हैं।
तीन रुपये किलो मटर बिक रहा है. लोहरदगा में किसानों को पांच करोड़ के नुकसान होने का अनुमान है. ऐसे में कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान बेहद चिंतित हैं. पलामू में गेहूं की फसल की भारी बर्बादी हुई है. गुमला में फसरबीन, गेहूं, चना, मटर, टमाटर, मिर्च और प्याज की फसलें बर्बाद हुई हैं।
राँची में स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की फसल को क्षति
राँची के मांडर और चान्हो में स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की फसल को भारी क्षति पहुंची है. यहां रविवार को जबरदस्त ओलावृष्टि हुई थी।उधर बुढ़मू प्रखंड में ओलावृष्टि से खेतों में बर्फ की मोटी परत जम गई. इससे गोभी, पालक, आलू, पपीता और मटर की सब्जियां नष्ट हो गईं। सबसे ज्यादा हजारीबाग जिले में 10 करोड़ के फसल के नुकसान का अनुमान है।