सोशल मीडिया पर “जस्टिस फ़ॉर राँची निर्भया” हैशटैग चलाने वालों को झारखण्ड पुलिस भेजेगी नोटिस

राँची। झारखण्ड के बहुचर्चित सुफिया परवीन हत्याकांड की गुत्थी झारखण्ड पुलिस ने सुलझा ली है। डीजीपी एम वी राव ने एक बार फिर कहा कि अपराध होने पर लोगों में भय और आक्रोश होना स्वाभाविक है लेकिन अपराध का सामना अच्छे आचरण और व्यवस्था को मदद पहुंचा कर किया जाता है। अपराध की आड़ में कानून व्यवस्था को प्रभावित करने काम नहीं किया जाता है। डीजीपी एम वी राव ने सुफिया परवीन हत्याकांड को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अपराध के बारे में सच्चाई सामने आने के लिए पुलिस को समय देना जरूरी है। इस बीच पुलिस पर हमला और मुख्यमंत्री के काफिले को रोकना ठीक नहीं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि राँची में सीएम काफिला हमला मामले में 76 नामजद में से जो अबतके गिरफ्तार नही हुए है वे अभियुक्त आत्मसमर्पण करें वरना पुलिस कार्रवाई के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में कोई निर्दोष है तो वह पुलिस के पास आ सकता है। निर्दोष को सजा दिलाना पुलिस का मकसद नहीं है। कुछ अभियुक्तों के माता-पिता ने कहा है कि उनके बच्चों को गुमराह किया गया था।

डीजीपी ने कहा कि कुछ कटू शब्दों का प्रयोग करने पर कुछ लोगों ने आंसू बहाये, तो कुछ लोगों को ये खराब लगा लेकिन उपद्रवियों के हाथ-पैर तोड़ने वाले बयान पर कायम हूं क्योंकि उपद्रवियों को माला नहीं पहनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि सूबे के जेल में बंद अपराधी, सफेदपोश और व्यवसायी के गठजोड़ मिलकर काम कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। मैसेज के जरिए व्यवसाइयों को परेशान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सोफिया हत्या पर उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कई तरह की बयानबाजी की गई।इस मामले में दूसरी एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई लेकिन झारखण्ड पुलिस जांच के लिए काफी समर्थ है।पुलिस अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभा रही है।सूबे में पिछले एक साल में जो भी दुष्कर्म के मामले सामने आए, उन मामलों में कार्रवाई की गई है।

डीजीपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि सोशल साइट्स पर जस्टिस फ़ॉर राँची की निर्भया लिखने वालों को नोटिस भेजा जाएगा। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब ये नहीं है कि आप समाज में गड़बड़ी करेंगे।समाज के अमनपसंद लोगों से अपील है कि वे अपराध या विधि व्यवस्था खराब करने वालों का साथ न दें।सभी थाना और ओपी को जनता से जुड़ने का निर्देश दिया गया है।

ओरमांझी हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने वाले पुलिस अधिकारी होंगे सम्मानित

डीजीपी एमवी राव ने कहा कि ओरमांझी युवती हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जायेगा।जिन पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।उसमें -आईजी मानवाधिकार अखिलेश झा, एसएसपी राँची सुरेंद्र कुमार झा, ग्रामीण एसपी राँची नौसाद आलम,डीएसपी हेडक्वार्टर 1 नीरज कुमार, डीएसपी सिल्ली चंद्रशेखर आजाद, डीएसपी खलारी मनोज कुमार, डीएसपी साइबर यशोधरा कुमारी, ओरमांझी थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर असित कुमार मोदी शामिल हैं।

error: Content is protected !!