Jharkhand:एक साथ उठी पाँच बच्चों की अर्थी,एक साथ एक जगह पर पांचों बच्चों की अंत्येष्टि,साथ पढ़ने,खेलने-कूदने वाले बच्चों ने अंतिम सफर भी साथ किया
झारखण्ड न्यूज,राँची।झारखण्ड के हज़ारीबाग में कटकमसांडी थाना क्षेत्र अंतर्गत गदोखर गांव में मंगलवार को हृदय विदारक घटना घटी। यहां तालाब में डूबने से अलग-अलग चार परिवारों के पांच बच्चों की मौत हो गई ।घटना दोपहर करीब 1 बजे हुई। मृतकों में तीन अलग अलग परिवार के। क्रमशः दुर्गा कुमारी पिता संजय पासवान(11),निकिता कुमारी पिता स्वर्गीय अरुण पासवान(13),काजल कुमारी पिता रामकुमार पासवान (14) और रंजीत पासवान की बेटी रिया कुमारी(11) व बेटा रिशु कुमार (10) शामिल हैं।
घटना की प्रत्यक्षदर्शी की माँ झालो देवी ने बताया कि वह अपनी बेटी निकिता और काजल के साथ कपड़ा धोने के लिए गदोखर गांव की पश्चिम दिशा में स्थित बली बांध तालाब में दिन के करीब 12:00 बजे के आसपास जा रही थी। रास्ते में ही दुर्गा कुमारी, रिया और रिशु भी आ गए। सभी लोग तालाब की सीढ़ी के पास बैठकर कपड़ा धोने लगे। इसी क्रम में रिया, रिशु उर्फ गोलू, दुर्गा तथा निकिता सीढ़ी के बगल में उतर कर नहाने लगे और आपस में पानी से खेलने लगे। इसी क्रम में बच्चों ने मेरी बेटी काजल को भी पानी से भींगा दिया।
काजल पानी से भींग गयी और वह भी बच्चों के साथ पानी में उतर कर नहाने व खेलने लगी। हम कपड़ा धो रहे थे। अचानक देखा की सारे बच्चे नहीं है और मेरी बेटी काजल पानी में डूबने लगी। मैं दौड़ती हुई अपनी बेटी काजल को बचाने के लिए पानी में उतरी जब तक मैं उसके पास पहुंचती तब तक वह गहरे पानी में डूब चुकी थी। फिर भी मैंने बचाने का प्रयास किया और मैं भी उसके साथ पानी में डूबने लगी। तालाब के मेढ़ पर जा रहे लोगों ने मुझे भी पानी में डूबते हुए देखा और दौड़ कर मुझे पानी से बाहर निकाला। इसके बाद में बेहोश गयी। मुझे कुछ पता नहीं।
घटना के बाद गांव में लोगों ने हल्ला किया और सभी लोग तालाब की ओर दौड़े और बच्चों को बाहर निकाला। सभी बच्चों को तालाब से बाहर निकाल कर परिजनों व ग्रामीणों ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हजारीबाग ले गए। जहां डॉक्टरों ने जांच कर सभी बच्चों को मृत घोषित कर दिया। हादसे से हजारीबाग जिले में शोक है। जिसे भी घटना की जानकारी मिली, आंखें नम हो उठीं।
सदर विधायक मनीष जायसवाल ने गदोखर की घटना की जानकारी विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी। सीएम ने घटना पर अफसोस जताया। उन्होंने हजारीबाग उपायुक्त से बात कर पहल करने का दिशा-निर्देश दिया। इधर, विधायक मनीष जायसवाल ने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
खेलते-खेलते पानी की गहराई में चले गए बच्चे
बलवान तालाब का गहरीकरण 2016 में लघु सिंचाई विभाग ने कराया था। इस कारण तालाब गहरा हो गया था। बच्चों को तालाब की गहराई का अंदाजा नहीं था। पानी में खेलते-खेलते बच्चे गहरे पानी की ओर चले गए और सभी डूब गए। इधर, गदोखर के ग्रामीणों का कहना है कि गांव के बगल में छड़वा डैम है, जिससे पूरे शहर में पानी की सप्लाई होता है। लेकिन डैम पर बगल में गांव होने के बावजूद पानी की सप्लाई नहीं मिल पा रहा है। अगर गांव में पानी की सप्लाई की व्यवस्था होती तो शायद बच्चे नहाने व कपड़े धोने के लिए तालाब नहीं जाते और आज 5 परिवारों का संसार नहीं उजड़ता। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से प्रभावित परिवारों को मदद करने एवं गांव में छड़वा डैम से पेयजल की सप्लाई की व्यवस्था करने की अपील की है ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना ना घटे।
आर्मी जवान ने निभाया दायित्व, पर अफसोस- बचा नहीं पाए जान
गदोखर गांव निवासी गुलाब राम आर्मी जवान है। जब उन्हें इस घटना की जानकारी हुई वे दौड़ते हुए तालाब के पास पहुंचे और अपनी जान की परवाह किए बिना तालाब में कूद गए। एक एक कर सभी बच्चों को ग्रामीणों की सहायता से बाहर निकाला और अस्पताल भिजवाया। उनके प्रयासों को देखकर ग्रामीणों का कहना वास्तव में आर्मी की ड्यूटी कभी ऑफ नहीं होती, लेकिन गुलाब को अफसोस था कि वे गांव की पांच नन्ही जान को बचा नहीं पाए। यह गम उनको ताउम्र रहेगा।
एक साथ पांचों बच्चों की अंत्येष्टि
पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। शव जैसे ही गांव लाया गया, सभी लाेग शोक में डूब गए।अंतिम संस्कार में लोगों के आंसू थम नहीं रहे थे।वहीं बच्चों के माता-पिता बार-बार बेहोश हो रहे थे। परिजन उसे संभालने में लगे थे। साथ पढ़ने, खेलने-कूदने वाले बच्चों ने अंतिम सफर भी साथ किया। परिजनों ने छड़वा डैम के करीब बने श्मशान घाट में एक साथ एक जगह पर पांचों बच्चों की अंत्येष्टि की।