Jharkhand:डॉक्टर विजय कृष्ण श्रीवास्तव का शव बुधवार को उनके कमरे से सड़े-गले हाल में बरामद किया गया,6 महीने से नहीं मिला था वेतन..
गोड्डा।राज्य के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट के देवदांड़ स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर विजय कृष्ण श्रीवास्तव का शव बुधवार को उनके कमरे से सड़े-गले हाल में बरामद किया गया है।मिली जानकारी अनुसार डॉ. विजय को 6 महीने से वेतन नहीं मिला था, जिसके कारण वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।पैसे न होने के कारण वह तनाव में भी थे।डॉ. विजय की डिस्ट्रिक मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के तहत जनवरी 2020 में संविदा पर बहाली हुई थी।विजय मूलरूप से बिहार के रहने वाले थे।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वह अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के रिश्तेदार थे और फिलहाल मंडल कारा में नियुक्त थे।
मृतक डॉक्टर की पत्नी सुजाता विजय श्रीवास्तव का आरोप है कि उनके पति को 6 महीने से वेतन नहीं मिला था।सिविल सर्जन से लेकर सबके पास उन्होंने फरियाद की, लेकिन किसी ने सहायता नहीं की।सुजाता ने कहा कि हमारे सामने भुखमरी की स्थिति आ गई थी।छोटे बच्चों को दूध पिलाने तक के लिए पैसा नहीं था. आर्थिक तंगी की वजह से पारिवारिक कलह की स्थिति पैदा हो गई थी।इसका परिणाम यह हुआ कि उनके पति की मौत हो गई।इधर मौत का कारण क्या है? इस पर अभी कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
बताया जाता है कि डॉक्टर विजय कृष्ण जब कटिहार मेडिकल कॉलेज में पढ़ते थे, तो वहां पर काम करने वालीं केरल की नर्स सुजाता से उनको प्यार हो गया। वर्ष 1997-98 से चला यह प्यार का सिलसिला 2001 में शादी में बदल गया था. इस बीच उनको सूर्यन विजय (16), जयेश विजय (13), ऋषिता (3) तीन बच्चे हुए।बड़े बेटे ने पिछले साल मैट्रिक पास किया था।पैसे के अभाव में जयेश का नाम स्कूल से हटा दिया गया था। करीब 15 दिन पहले पत्नी सुजाता से भी विवाद होने के कारण सुजाता अपने तीनों बच्चे को लेकर गोड्डा से सटे पंजवारा चली गई थी और वहां नर्सिंग का काम कर रही थी।इन 15 दिनों में दोनों के बीच कभी मोबाइल से भी बात नहीं हुई।जिस प्रेम में साथ जीने मरने की बात दोनों करते थे, उसे आर्थिक तंगी ने भी अलग-थलग कर दिया।आर्थिक परेशानी के कारण दोनों के बीच आपसी विवाद भी होता था।
सिविल सर्जन ने क्या कहा
सिविल सर्जन डॉक्टर शिवप्रसाद मिश्रा का कहना है कि डीएमएफटी के तहत बहाल सभी कर्मी के वेतन के लिए कई बार पैसों की मांग की है. करीब 6 महीने से इन सबों को वेतन नहीं मिला है।डॉक्टर विजय कृष्ण तो मेरे परिवार के सदस्य थे।उनकी मौत से मैं दुखी हूं।