झारखण्ड डीजीपी नियुक्ति मामला:सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी नीरज सिन्हा को जारी किया नोटिस,कोर्ट ने नियुक्ति मामले में नाराजगी जताया है
नई दिल्ली।झारखण्ड के डीजीपी नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस एनवी रमना की पीठ में झारखण्ड के डीजीपी की नियुक्ति को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस सम्बंध में झारखण्ड के डीजीपी नीरज सिन्हा को नोटिस जारी किया है।सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखण्ड सरकार की ओर से डीजीपी की नियुक्ति किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि लगता है कि यूपीएससी और सरकार के खिलाफ इस तरह के मामले में कड़ा निर्णय पारित करने की आवश्यकता है।
बताया गया कि फिलहाल इस मामले में अब दो सप्ताह बाद सुनवाई निर्धारित किया गया है। सुनवाई के दौरान अवमानना दाखिल करने वाले की ओर से अदालत में पेश हुए वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि झारखण्ड सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया है।राज्य सरकार ने पहले एमवी राव को राज्य का प्रभारी डीजीपी बनाया और फिर उन्हें हटाकर नीरज सिन्हा को डीजीपी बना दिया। राज्य सरकार की ओर से ऐसा किया जाना गलत है। कुछ दिनों बाद राज्य सरकार ने डीजीपी पद पर नीरज सिन्हा की स्थाई नियुक्ति कर दी।
इस पर अदालत ने वर्तमान डीजीपी नीरज सिन्हा को इस मामले में प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया है। अदालत ने झारखण्ड सरकार की ओर से उपस्थित हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था, तो झारखण्ड सरकार ने डीजीपी की इस प्रकार नियुक्ति क्यों की ?
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इन परिस्थितियों को देखकर लगता है कि राज्य सरकार तथा यूपीएससी के खिलाफ इस तरह के मामले में कड़े निर्णय पारित करने की आवश्यकता है। इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है।