सुप्रीम कोर्ट में झारखण्ड कोल ब्लॉक नीलामी की हुई सुनवाई, राज्य सरकार ने रखा अपना पक्ष

राँची। झारखण्ड के कोल ब्लॉक नीलामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।बुधवार को झारखण्ड सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत तीन न्यायधीशों की खंडपीठ में सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि जिन इलाकों के कोल ब्लॉक की नीलामी की गई है, वहाँ के कुछ इलाकों में एलिफेंट कॉरिडोर है और कुछ स्थानों पर नेशनल टाइगर रिजर्व का क्षेत्र पड़ता है ऐसे में अगर माइनिंग होती है तो पर्यावरण पर इसका बुरा असर पड़ेगा, इसलिए उत्खनन नहीं करने दिया जाए.

अदालत ने निर्धारित की अगली सुनवाई

जिसपर अटॉर्नी जनरल ने अदालत में कहा कि वे कुछ बिंदुओं पर बहस करना चाहते हैं दोनो पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने शुक्रवार को इस मामले को सूचीबद्ध करते हुए अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा देश के अन्य कोल ब्लॉक की नीलामी समेत झारखंड के कॉल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया के विरुद्ध झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है,राज्य सरकार के द्वारा इस मामले में दो याचिकाएं दायर की गई है, वहीं झारखंड नागरिक प्रयास के द्वारा इसी मामले में जनहित याचिका भी दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि जिन कोल ब्लॉक की नीलामी की गई है वह शेड्यूल एरिया की है

वहां रहने वाले लोगों को संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं इसके साथ ही समता जजमेंट का हवाला देते हुए कहा गया है कि जंगल में रह रहे लोगों को विस्थापित कर देना सही नहीं है और कॉल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया राज्य सरकार के सहमति के बिना की गई है।

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