Jharkhand:बघमुंडा जलप्रपात की घटना:पाँच दिन के बाद स्थानीय गोताखोरों ने खोज निकला 6 साल की बच्ची का शव,गोताखोरों ने कहा-बच्ची की तलाश के बाद अब संतुष्टि मिली है।
गुमला।बसिया थाना क्षेत्र स्थित बघमुंडा जलप्रपात में पिछले 25 अक्टूबर को परिवार के साथ राँची नामकुम मछुआटोली से पिकनिक मनाने पहुंचे तीन बच्चे नहाने के दौरान डूब गए थे। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम और स्थानीय लोगों ने दो बच्चों का शव खोज निकाला था जबकि एक बच्ची का शव नहीं निकाला जा सका था।काफी प्रयास के बाद थक-हार कर एनडीआरएफ की टीम वापस लौट गई थी।लेकिन स्थानीय गोताखोरों ने हार नहीं मानी और पांच दिन के बाद स्थानीय गोताखोरों ने छह साल की बच्ची का शव शुक्रवार को खोज निकाला। शव मिलने की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेज दिया।
बच्ची की पहचान छह साल की इशिका के रूप में की गई है। इशिका के पिता अभिषेक तिग्गा ने कहा कि इशिका के डूबने के बाद वे अपने ऑफिस से तीन नवम्बर तक की छुट्टी लेकर राँची से दस लोगों के साथ प्रतिदन सुबह 8 बजे बसिया बघमुण्डा आकर बेटी की तलाश में जुटे थे। इस तलाश में स्थानीय गोताखोरों ने भरपूर सहयोग किया। शुक्रवार सुबह दस बजे से खोजबीन शुरू की गई। इस दौरान दोपहर लगभग 3 बजे एक पत्थर के पास बेटी का शव मिला। इशिका को ढूंढने में उसके परिजनों के आग्रह पर स्थानीय गोताखोरों बेनेदिक कुल्लू, बम्बयारी शौरभ टोप्पो, डाचूटोली सुजीत सोरेंग, बम्बयारी दानियल, धनवार बम्बयारी ने लगातार छह दिनों तक मेहनत की।मायूश बैठे परिजन
स्थानीय गोताखोर बेनेदिक कुल्लू ने कहा कि 25 अक्टूबर को वह मछली पकड़ रहा था। इस दौरान शोर सुनाई पड़ी। उसने देखा कि गहरे बहते पानी में कई बच्चे डूब रहे थे। तभी मैंने पानी में छलांग लगा दी। इसके बाद एक एक-एक कर चार बच्चों को पानी से बाहर निकाल कर उन्हें बचा लिया गया था। लेकिन तीन बच्चों को वह बचा नहीं पाया था। इशिका की तलाश के बाद उसे अब संतुष्टि मिली है। कम से कम मृत बच्ची का उसके परिजन विधि विधान के साथ अब अंतिम संस्कार कर सकेंगे।