जय जगन्नाथ🚩:राँची के ऐतिहासिक रथयात्रा इस बार भी नहीं निकलेगा,आज नेत्रदान महोत्सव सम्पन्न,मुख्यमंत्री ने कहा-अपने घरों में ही रहकर भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना करें।
राँची।मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने राज्य वासियों आग्रह किया है कि आप सभी अपने घरों में ही रहकर भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना करें। वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न परिस्थितयों को देखते हुए इस वर्ष भी हम जगन्नाथ यात्रा नहीं निकाल पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी के कारण समय समय पर सरकार को कई कड़े कदम उठाने पड़े हैं। इस संक्रमण ने कई बच्चों को अनाथ कर दिया है, कई लोगों ने जान गवाई है। इन सब से बचाव के लिए न चाहते हुए भी सरकार द्वारा शिक्षण संस्थान बंद किये गये, दुकाने बंद की गई, राज्य के बाहर और राज्य में वापस आने वालों पर प्रतिबंध लगाया गया। आज भी यह महामारी का खतरा चारों ओर मंडरा रहा है । इसलिए न चाहते हुए भी सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नहीं लगाए जाने का निर्देश दिया गया है। इस महामारी में कई त्यौहार आए और चले गए लेकिन राज्य एवं देश में लॉकडाउन होने के कारण उन सभी त्योहारों को हम पहले की तरह नहीं मना सके। उन्होंने कहा कि जान है तो जहांन है, कोरोना संक्रमण से राज्य की जनता को सुरक्षित रखने के लिए पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम जगन्नाथ यात्रा नहीं निकाल पा रहे हैं।
श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जगन्नाथ यात्रा नहीं होने से हमें भी बहुत तकलीफ होती है। लेकिन यदि हमारा आज सुरक्षित होगा तभी हमारा कल भी सुरक्षित हो पाएगा । उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की है कि आप अपने घरों से ही भगवान जगन्नाथ का आशीष ले, आप सुरक्षित रहेंगे तब ही राज्य सुरक्षित रहेगा और देश सुरक्षित रहेगा।
नेत्रदान महोत्सव सम्पन्न
झारखण्ड का ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में नेत्रदान महोत्सव संपन्न हुआ।इस बार भी मौसीबाड़ी नहीं जाएंगे भगवान।आज नेत्रदान महोत्सव में मंदिर के बाहर दर्शन मंडप में महाप्रभु की पूजा अर्चना शाम के 4 बजे शुरू हुई।और अंदर से सेवको के द्वारा तीनो विग्रहों को दर्शन मंडप में विराजमान किया गया।तत्पश्चात महाप्रभु की पूजा अर्चना हुई।वहीं 108 दीपों वाली मंगल आरती की गई। महाप्रसाद का भोग लगाया गया एवं महाप्रभु के अष्टकम का पाठ किया गया।इसमें जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के नवनियुक्त सदस्यों ने भाग लिया।पूजा अर्चना पुजारी रामेश्वर पाढ़ी, सरयू नाथ मिश्रा एवम अन्य ने कराया।साथ ही मंदिर में सीमित लोगो के द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए,वैदिक मंत्रोच्चारण से पूजा सम्पन्न हुआ।