बीते 10 साल में देशभर में नहीं हुआ ऐसा ऑपरेशन,रिम्स में बिना बेहोश किए महिला की हुई बाईपास सर्जरी,ऑपरेशन के दौरान मरीज करती रही बात…
राँची।आमतौर पर ह्रदय रोग और उसके इलाज को गंभीर माना जाता है। बात जब सर्जरी की होती है तब तो इसे और भी गंभीर मानते हैं। लेकिन रिम्स के डॉक्टरों ने ऐसा इतिहास रचा जैसा देशभर में पिछले 10 साल में नहीं हुआ। यहां के डॉक्टरों ने मरीज को बिना बेहोश किए उसका बाइपास सर्जरी कर दिया। इस दौरान मरीज बात भी कर रहा था। रिम्स में यह ऑपरेशन लगभग तीन घंटे चला है। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक है।
बताया जाता है कि दिल में ब्लॉकेज की शिकायत को लेकर 57 वर्षीय महिला कुरैशा खातून रिम्स पहुंची। उन्हें यह समस्या लंबे समय से थी। डॉक्टरों ने उनका गंभीरता के साथ गहन जांच किया। जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया कि मरीज के कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज है। इसे ठीक करने के लिए बाईपास सर्जरी करना जरूरी है। सभी तरह की जांच के बाद डॉ विनित महाजन ने बाइपास सर्जरी करना तय किया। सुपर स्पेशियलिटी एनेस्थेसिया के डॉ. शिवप्रिये के साथ मिलकर इस सर्जरी को अंजाम दिया गया। इस जटिल ऑपरेशन को रिम्स के सीटीवीएस और एनेस्थेसिया विभाग की टीम ने किया। इस तरह रिम्स में पहली बार जटिल अवेक कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (अवेक सीएबीजी) सर्जरी हुई।
डॉक्टरों के मुताबिक इस जटिल बाईपास ग्राफ्टिंग के दौरान मरीज पूरी तरह से होश में थी। उसे बेहोश किए बिना ऑपरेशन किया जा रहा था। सर्जरी के दौरान वह सामान्य तरीके से बातचीत कर रही थी। यह ऑपरेशन लगभग तीन घंटे तक चला। डॉ. विनित महाजन ने बताया कि यह अवेक ऑपरेशन पिछले 10 वर्षों में देश भर में कहीं भी नही हुआ है।
पूर्वी भारत में नहीं होता इस तरह का ऑपरेशन:
ऑपरेशन करने वाली टीम ने बताया कि यह ऑपरेशन जटिल जरूर है, लेकिन हमारी कोशिश है कि रिम्स में यह नियमित रूप से हो। इस तरह के ऑपरेशन से संस्थान की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है। डॉ विनीत महाजन ने कहा कि उत्तर पूर्व भारत में इस तरह का ऑपरेशन सामान्य तौर पर नहीं होता है। रिम्स के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस तरह के जटिल और नई तकनीक के ऑपरेशन सफलतापूर्वक किये जायेंगे ताकि झारखंड ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के मरीज़ो को भी इसका लाभ मिले।