रजरप्पा में दीपावली की रात माँ छिन्नमस्तिके की पूजा रात भर हुई,तांत्रिकों ने की साधना
रामगढ़।झारखण्ड में एक ऐसा मंदिर है,जो साल में सिर्फ एक बार दीपावली की रात में खुलता है।रजरप्पा स्थित माँ छिन्नमस्तिके के मंदिर में दिवाली को छोड़ दें, तो कभी रात में पूजा नहीं होती। दीपावली व अमावस्या की रात को माँ काली की पूजा की जाती है। इस अवसर पर इस वर्ष भी रजरप्पा के छिन्नमस्तिके मंदिर में सोमवार की रात को भक्तों का तांता लगा रहा।रात भर श्रद्धालुओं ने मां की पूजा-अर्चना की।दूर-दराज के इलाके से भी आये लोगों ने माँ छिन्नमस्तिके के दर्शन किये।पूजा-अर्चना की। सोमवार को अहले सुबह विशेष पूजा-अर्चना की गयी।दोपहर में भोग लगाया गया।वहीं, संध्या में शृंगार व आरती की गयी। दीपावली की वजह से पूरे मंदिर क्षेत्र में आकर्षक विद्युत सज्जा की गयी थी। मंदिर क्षेत्र में ‘साकाली तोमार इच्छा, इच्छा माई तारा तुमी तोमार कोर्मो तुमी कोरो मां…’ भजन एवं मंत्रोच्चार होता रहा।गौरतलब है कि काली पूजा को लेकर यहां मां छिन्नमस्तिके देवी की विशेष पूजा की जाती है. काली पूजा की वजह से रात भर यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।सोमवार सुबह से ही झारखण्ड,बिहार,पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, असम और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से श्रद्धालु, साधक व तांत्रिक यहां पहुंचने लगे थे।साधकों और तांत्रिकों ने भैरवी-दामोदर के संगम में स्नान करने के बाद मां भगवती की पूजा-अर्चना की और नारियल की बलि देकर रक्षा सूत्र बंधवाया। वहीं, मंदिर परिसर के 13 हवन कुंडों के अलावा भैरवी-दामोदर के किनारे एकांतवास में तांत्रिक, साधक व श्रद्धालु हवन, यज्ञ, जप व पाठ करते रहे।मंदिर न्यास समिति ने भक्तों के बीच भोग का वितरण किया।इधर मंगलवारी ग्रुप ने भव्य भंडारा का आयोजन किया।यहां हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारा के आयोजन में पवन कुमार दांगी, रामलाल महतो, विनोद दांगी, जगदीश महतो, अनिल महतो, मेघु दांगी, मेहरू दांगी, रामू दांगी, हरीश कुमार, आनंद पासवान, शंकर अग्रवाल, शिवशंकर, प्रकाश दांगी, कारू, पप्पू कुमार, संतोष रजक, प्रदीप सहित कई लोगों का सराहनीय योगदान रहा।