ये दोस्ती कैसी थी,कब से थी,कहां से शुरु हुई,कब बढ़ी यह कोई नहीं जानता:मजदूर की मौत पर घंटों रोया लंगूर,बेजुबान का प्यार देख लोगों की आंखें हुईं नम
गिरिडीह।एक दिल को छूने वाली घटना सामने आई है जहां आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।गिरीडीह जिले की यह तस्वीर है जहां एक बेजुबान की संवेदना हम जुबान वाले लोगों पर कितनी भारी है।ये दोस्ती कैसी थी, कब से थी, कहां से शुरु हुई, कब बढ़ी यह कोई नहीं जानता।लेकिन, यह तस्वीर इतना तो जरूर बोल रही है कि जैसी दोस्ती थी बड़ी ही प्रगाढ़ थी।मतलबी होते इस दौर में ऐसी तस्वीरें वाकई मिसाल ही पेश करती हैं।यह दोस्ती एक इंसान और एक बेजुबान की है।इस बेजुबान ने ये तो बता दिया चाहे जुबान हो या ना हो इंसानियत हर जीव में है।
बेजुबान का अनोखा प्यार,शव पकड़ रोया..
दरअसल, गिरिडीह के बेंगाबाद थाना क्षेत्र तेलोनारी पंचायत में एक मजदूर पेड़ काट रहा था और इसी दौरान एक भारी-भरकम पेड़ उस पर गिर गया. पेड़ गिरने से मजदूर की मौत हो गई। उसके साथ काम कर रहे अन्य साथियों ने पेड़ हटाकर मजदूर को बाहर निकाला लेकिन तब उसने दम तोड़ दिया।इसी दौरान एक लंगूर पेड़ से उतरकर नीचे आया और शव के पास बैठकर रोने लगा।लंगूर घंटों मजदूर के शव को सहलाता रहा. मानो कोई अपना उसे छोड़कर चला गया हो. लंगूर की आंखों से आंसुओं की धार बह रही थी. जब लोग मजदूर का शव उठाकर एंबुलेंस से ले जाने लगे तब लंगूर भी उसके पीछे-पीछे चल पड़ा।लोग और वहां पहुंचे पुलिस वाले भी इस नजारा को देखते रहे, तब तक जब तक एंबुलेंस और लंगूर आंखों से ओझल नहीं हो गया। पता नहीं यह कौन सा रिश्ता था।जिसने ये पल देखा वो भी यही सोचने पर मजबूर हैं।
बताया जा रहा है कि लातेहार के बेंदी से कुछ मजदूर ठेकेदारी पर पेड़ काटने के लिए बेंगाबाद से परसन आए थे. पिछले 5 दिनों से पेड़ काटने का काम चल रहा था. मृतक के साथियों ने बताया कि उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं।एएसआई सुनील कुमार सिंह का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।परिजनों के आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।