हजारीबाग:ठंड से बचने के लिए कमरे में कोयला का अंगीठी जलाकर सोया था परिवार,माँ बाप और बेटे की मौत,एक गंभीर
हजारीबाग।झारखण्ड के हजारीबाग में एक दर्दनाक घटना हुई है।बताया जा रहा है कि ठंड से बचने के लिए एक परिवार ने कोयले की अंगीठी जलाकर घर में सो रहे थे।लोगों की दम घुटने से तीन की मौत हो गई है।जबकि एक की हालत गंभीर है। घटना पेलावल ओपी थाना क्षेत्र के रोमी गांव की है। घटना के बाद गांव में मातम छाया हुआ है।वहीं जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंची और सभी शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। मरने वालों की पहचान रिंक खान उर्फ शाहीद अनवर उम्र 40, पत्नी नीखत परवीर उम्र 35 वर्ष तथा बेटे अहमद अख्तर उम्र 5 वर्ष के रूप में की गई है। रिंकू की पत्नी का भाई मुमताज उम्र 36 वर्ष की हालत गंभीर है। वह धनबाद का रहने वाला है।
बताया जा रहा है कि रिंकू ने नया घर बनवाया था। सोमवार को नए घर के प्रवेश के लिए कार्यक्रम था। इसके लिए सभी रिश्तेदार पहुंचे थे। रविवार रात ठंड से बचने के लिए यह परिवार कोयले का चूल्हा और हिटर जलाकर सो गया। चूल्हे से निकलता धुआं धीरे-धीरे पूरे घर में फैल गया। इसका पता कमरे में सो रहे लोगों को नहीं चला। कमरे से धुआं के निकलने का कोई रास्ता नहीं था। लिहाजा कमरा धीरे-धीरे गैस चैंबर में तब्दील हो गया। सोमवार सुबह जब घर का दरवाजा नहीं खुला तो आसपास के लोगों ने आवाज लगाई। गेट नहीं खुलने पर दरवाजा तोड़ा गया। तब कमरे से तीन शव बरामद किए गए। एक व्यक्ति की स्थिति गंभीर है।
इधर डॉक्टरों ने का कहना है कि, ‘कोयला जलाने से कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलती है। यह गैस सांस की नली से अंदर जाने के बाद दिमाग में खून की सप्लाई रोक देती है। इसके कारण ब्रेन हेमरेज हो सकता है। कई बार जान चली जाती है।’डॉ. रंजीत कुमार पंडा ने कहा, ‘ठंड के दिनों में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग अंगीठी जलाकर सो जाते हैं। ऐसे कमरे में जहां हवा निकलने के रास्ते न हों। वैसी स्थिति में यह काफी खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है। ठंड से बचने के लिए आग जलाकर सोना ठीक नहीं है। चूल्हा जलाते समय घर की खिड़कियां, रौशनदान और दरवाजे खोल कर रखें। इससे कमरे में वेंटिलेशन बना रहेगा।’