बदल रहा झारखण्ड पुलिस, ट्रेनिंग सेंटर में नक्सलियों से लड़ने से लेकर सायबर अपराध की चुनौतियों से निपटने के सिखाए जा रहे गुर
राँची।बदलते समय के साथ साथ झारखण्ड पुलिस भी बदल रहा है।झारखण्ड पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर में वर्तमान में डीएसपी समेत 8791 पुलिसकर्मी ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है।इन पुलिसकर्मियों को साइबर की वर्चुअल दुनिया से लेकर उग्रवादियों की चुनौतियों के मुकाबले के लिए पुलिस को तैयार किया जा रहा है।साथ ही अनुसंधान के तौर तरीके भी सिखाया जा रहा है।बदलते वक्त की जरूरतों के साथ झारखण्ड पुलिस के प्रशिक्षण संस्थानों के स्वरूप को भी बदला जा रहा है।पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण में नए टेक्नोलॉजी का भी गुर सिखाए जा रहे हैं।
डीएसपी समेत 8791 पुलिसकर्मी ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है
झारखण्ड पुलिस की ट्रेनिंग संस्थान में वर्तमान में डीएसपी समेत 8791 पुलिसकर्मी ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे है।जिनमें जेपीए हजारीबाग में डीएसपी, जेल अधीक्षक 74, इंस्पेक्टर 130, एसआई 25, जेएपीटीसी पदमा में पीटीसी 1567, सिपाही 18, जंगल वारफेयर स्कूल नेतरहाट में पीटीसी 854, टीटीएस जमशेदपुर में पीटीसी 200, जैप 1 में एसपीसी 289, जैप 5 में एसपीसी 509, जैप 6 में एसपीसी 138, जैप 2 में एसपीसी 635, बुनियादी प्रशिक्षण 12, जैप 3 में आरक्षी बुनियादी 552, जैप 4 में आरक्षी बुनियादी 577, सीटीसी आरक्षी बुनियादी 769, जैप 8 में आरक्षी बुनियादी 563, जैप 9 में आरक्षी बुनियादी 518, जैप 10 में पीटीसी 321 और आईआरबी 1 में एसएलसी 338 शामिल है।
सुख-सुविधाओं का ख्याल
झारखण्ड पुलिस अकादमी (जेपीए) में दारोगा से लेकर डीएसपी तक के अधिकारियों की ट्रेनिंग होती है।कैडर आवंटन के बाद आईपीएस अधिकारियों को भी यहां कुछ माह की ट्रेनिंग दी जाती है। जेपीए में ट्रेनिंग लेने आने वाले पुलिसकर्मियों की सुख सुविधा का भी ख्याल रखा जा रहा है। पुलिसकर्मियों के लिए मॉडयूलर किचन बनाए गए हैं।इन किचन में एक साथ अधिक संख्या में खाना बनाया जा सकता है। 30 किलोग्राम तक कपड़े एक साथ धोए जा सकें, इसके लिए बड़े वॉशिंग मशीन लगाए गए हैं।पुलिसकर्मियों के लिए हवादार कमरे, पलंग और टीवी की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण केंद्र में आधुनिक संसाधनों से लैस जिम भी बनाए गए हैं जिम में पुलिसकर्मी नए किस्म के मशीनों का इस्तेमाल कर शारीरिक संरचना दुरूस्त रख पाएंगे।स्वास्थ्य से लेकर हर चीज का ख्याल रखा जा रहा है।