चर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रताड़ना मामला:आठ साल में 26 गवाहों के बयान हुए दर्ज,30 सितंबर को आएगा फैसला
राँची।राजधानी राँची के बहुचर्चित मामला में 30 सितंबर को आएगा फैसला।राँची की रहने वाली और नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रताड़ना मामले में अब फैसला आ जाएगा। सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने फैसले की तारीख तय कर दी है। आठ साल तक चले तारा शाहदेव के उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और जबरन धर्म परिवर्तन मामले में 30 सितंबर को फैसला आएगा। इसी दिन ट्रायल फेस कर रहा आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी माँ कौशल रानी एवं झारखण्ड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद की किस्मत का फैसला होगा।
आठ साल में 26 गवाहों के बयान दर्ज
झारखण्ड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में इस केस को टेक ओवर किया था। इस मामले में जारी बहस पूरी हो चुकी है। सीबीआई की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गई थी। इसके बाद अदालत ने आरोपियों का बयान दर्ज किया। बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष ने अपने बचाव में गवाही दी। गवाही बंद होने के बाद मामले में बहस जारी थी। जो पूरी हो गई। मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था। सीबीआई की ओर से 26 गवाहों को पेश किया गया है।
क्या है तारा शाहदेव मामला
रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल और तारा शाहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन/रंजीत कोहली द्वारा उत्पीड़न और मारपीट की घटनाएं होने लगी थी। धर्म छुपा कर शादी करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। बाद में झारखण्ड हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2015 में सीबीआई ने मामले को टेकओवर किया। फिर जांच शुरू की। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी।
तारा शाहदेव प्रताड़ना मामले के एक गवाह सीएम हेमंत सोरेन भी रह चुके हैं। तीन मई 2023 को रंजीत कोहली को अदालत ने गवाहों की सूची सौंपने को कहा था। रंजीत कोहली की ओर से सौंपी गई गवाहों की सूची में एक नाम हेमंत सोरेन का भी था। 16 मई 2023 को सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि के रूप में झामुमो जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम उपस्थित हुए। मुश्ताक आलम ने अदालत में कहा कि वह रकीबुल हसन को नहीं पहचानते। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में सीएम के यहां इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ था। इसके लिए सीएमओ से निमंत्रण कार्ड पार्टी कार्यालय चला जाता है। वहां से पार्टी के वरीय नेता कार्ड कार्यालय प्रभारी से लेते हैं। उन्हीं में से किसी ने रकीबुल को कार्ड दिया होगा या स्वयं किसी प्रकार से कार्ड हासिल कर इफ्तार पार्टी में शामिल हो गया होगा। इसके बाद वह सीएम से अपना संबंध जोड़ रहा है।