राँची यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर बनाया फर्जी सर्टिफिकेट,कोतवाली थाना में चार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
–बनाए गए आरोपियों में मुख्य आरोपी के अलावा राँची यूनिवर्सिटी का एक कर्मी देवघरिया,कंट्रोलर अॉफ एग्जामिनेशन और एक पूर्व कर्मी मुल्तान मियां भी है शामिल
राँची।राँची यूनिवर्सिटी के दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर फर्जी सर्टिफिकेट बना उसके आधार पर नौकरी करने के एक मामले में कोतवाली थाना में चार लोगो पर प्राथमिकी दर्ज कराया गया है। प्राथमिकी मुत्तवाली कमिटी एमएल जुबली इंस्टीट्यूशन कोलकाता, पश्चिम बंगाल के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी डॉ.जहांगीर मोला द्वारा कराए गए कोर्ट कंपलेन के आधार पर आठ जुलाई को दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में चार लोगो को आरोपी बनाया गया है। इसमें मुख्य आरोपी मो.फहीमुल्लाह (कर्मी एमएल जुबली इंस्टीट्यूशन कोलकाता, पश्चिम बंगाल), देवघरिया (कर्मी राँची यूनिवर्सिटी),कंट्रोलर अॉफ एग्जामिनेशन (राँची यूनिवर्सिटी) और मुल्तान मियां (पूर्व कर्मी, राँची यूनिवर्सिटी) शामिल है। इनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोप है कि मुख्य आरोपी मो. फहीमुल्लाह ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया और उसके आधार पर मुत्तवाली कमिटी एमएल एमएल जुबली इंस्टीट्यूशन कोलकाता, पश्चिम बंगाल नियुक्त हुए थे। ये फर्जीवाड़ा 18 मार्च 1987 फिर 11 अप्रैल 1990 और 09 अगस्त 1991 को हुआ। हाल ही में जब सर्टिफिकेट की जांच की गई तब पता चला की मो. फहीमुल्लाह द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट फर्जी है। इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई।
राँची यूनिवर्सिटी में सर्टिफिकेट व रिकार्ड में की गई छेड़छाड़
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार जब इस मामले में रांची यूनिवर्सिटी में आफिशियल रिकार्ड व सर्टिफिकेट की जांच कराई गई तब पता चला कि फर्जीवाड़ा कर आफिशियल रिकार्ड में छेड़छाड़ किया गया है। इस मामले में चार लोगो को गवाह भी बनाया गया है। गवाहों में डॉ. जहांगीर मोला के अतिरक्त, नेसरत अहमद सिद्दीकी, मो. हुमायूं खान (एक्स मेंबर मुत्तावाली कमिटी) और मो. हशीम (एक्स वाइस प्रेसिडेंट एमएल चौधरी वर्फ एस्टेट) शामिल है। कोर्ट कंपलेन के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के बाद पुलिस इस मामले में जांच करेगी। मामले के अनुसंधान के लिए जांच पदाधिकारी दारोगा रमेश कुमार झा को बनाया गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।