आजादी के 75 साल बीते,फिर भी झारखण्ड में हर साल डायन के नाम पर 30 महिलाओं की हो रही है हत्या…
–डायन हत्या में झारखण्ड देशभर में अव्वल, सरकार की ओर से 20 वर्षों में डायन के नाम पर जागरूकता के लिए 10 करोड़ से अधिक सिर्फ नुक्कड़ नाटक व सेमिनार पर खर्च, लेकिन धरातल पर काम नहीं
राँची।आजादी के 75 साल बाद भी झारखण्ड में हर साल डायन के नाम पर 30 से अधिक महिलाओं की हत्या हो रही है। यहीं नहीं डायन हत्या के नाम पर झारखण्ड देश भर में अव्वल स्थान पर है। यहां डायन के नाम पर सबसे अधिक आदिवासी महिलाओं की हत्या हो रही है। डायन के नाम पर सबसे अधिक हत्या झारखण्ड के राँची सहित चाईबासा, जमशेदपुर, पलामू, सिमडेगा और खूंटी जिले में हो रही है। राज्य सरकार की ओर से डायन बिसाही के नाम पर हो रही हत्याओं को रोकने के लिए इन 20 वर्षों में 10 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके है। बावजूद इसके आज भी डायन के नाम पर हत्याओं का सिलसिला जारी है।
केस वन : 4 सितंबर 2023 को बोकारो के बनचास गांव की रहने वाली 55 साल की आदिवासी फूलमनी देवी को डायन बताकर उसकी हत्या कर दी गई। गांव के ही दो भाइयों राजेश किस्कू और अजय किस्कू ने आदिवासी महिला को टांगी से हमला करके बेरहमी से हत्या कर दी।
केस टू :- 7 जून 2023 को डायन बिसाही के शक में चाईबासा जिले के पांड्रासाली स्थित दोपाय गांव में महिला का सिर धड़ से काटकर अलग कर दिया गया। मृतक महिला 52 साल की नामसी कुई के बारे में गांव में यह बात फैली थी कि वह जादू टोना करती है।
डायन के नाम पर झारखण्ड में हुई हत्या
जिला-2018-2019-2020-2021-2022-2023 (अबतक)
राँची 04 01 02 03 03 01
लोहरदगा 00 02 00 01 01 00
गुमला 05 02 03 03 03 02
सिमडेगा 01 00 04 01 02 00
खूंटी 04 02 02 04 03 00
चाईबासा 04 13 04 01 02 05
सरायकेला 01 01 00 00 01 01
जमशेदपुर 02 00 03 00 07 00
पलामू 00 00 02 11 01 00
गढ़वा 00 00 00 00 02 01
लातेहार 01 00 01 01 02 01
हजारीबाग 00 01 01 02 01 00
कोडरमा 00 00 00 00 00 00
गिरिडीह 00 00 01 01 01 00
चतरा 00 02 01 00 00 02
रामगढ़ 00 00 01 00 00 00
बोकारो 02 00 00 00 00 01
धनबाद 00 00 00 00 00 00
दुमका 00 02 02 01 03 00
गोड्डा 01 00 00 00 00 00
साहेबगंज 00 00 01 01 00 01
पाकुड़ 00 01 00 02 00 00
देवघर 00 00 01 00 00 00
जामताड़ा 00 00 01 00 01 01
कुल 25 27 30 32 33 16
(नोट : आकड़ा अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) की)
इन राज्यों में डायन के नाम पर भी हो रही है हत्याएं लेकिन काफी कम
डायन के नाम पर महिलाओं की हत्याओं और भी कई राज्यों में हो रही है। इनमें सबसे साक्षर राज्य केरल, असम, मिजोरम, बंगाल, उड़ीसा और बिहार जैसे राज्य शामिल है। लेकिन इन राज्यों में हर साल औसत 5 से 7 ही डायन के नाम पर महिलाओं की हत्याएं हो रही है। जबकि झारखण्ड में यह आकंड़ा पांच गुना है।
झारखण्ड में जागरूकता के नाम पर सिर्फ नुक्कड़ नाटक
झारखण्ड में सरकार की ओर से डायन के नाम पर लोगो में जागरूकता लाने के लिए नुक्कड़ नाटक और सेमिनार का आयोजन उन जिलों में किया जाता है जहां ये समस्याएं ज्यादा है। इसके अलावे सरकार की ओर से बच्चों में जागरूकता के लिए एक हिंदी की किताब में डायन पर एक कविता का चैप्टर जोड़ दिया गया है।
समाधान:डायन के नाम पर हत्याएं तब रूकेंगी जब सरकार मिशन मोड में काम करे
प्रेम चंद जो फ्री लीगल एड कमेटी के अध्यक्ष है। पिछले 28 वर्षों से सरायकेला से डायन को लेकर हो रही हत्याओं को रोकने के लिए पूरे झारखंड में कार्य कर रहे है। उनके अनुसार राज्य में डायन के नाम पर 90 फीसदी मारी जाने वाली महिलाएं आदिवासी है इसलिए समाज कल्याण विभाग को इसपर मिशन मोड में कार्य करना होगा। सरकार को डायन के नाम पर हो रही हत्याओं को रोकने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर प्रतिनिधियों को जोड़ना होगा। स्कूली पाठ्यक्रम में डायन विषय पर अंधविश्वास को खत्म करने वाला चैप्टर अनिवार्य रूप से जोड़ना होगा। राज्य में छउ नृत्य उन जिलो में काफी लोकप्रिय है जहां ऐसी घटनाएं काफी होती, इसके माध्यम से भी डायन के नाम पर अंधविश्वास को खत्म करने के लिए जागरूकता चलाया जा सकता है।