पढ़े-लिखे लाेग हाे रहे ठगी के शिकार:रिम्स के डाॅक्टर से फर्नीचर खरीदने का झांसा देकर साइबर अपराधी ने 1.20 लाख ठगा
राँची।साइबर अपराधी ठगी की घटना का अंजाम देने के लिए लगातार अलग-अलग तरीका अपना रहा है और लाेगाें के अकाउंट से अवैध पैसे की निकासी कर रहा है। साइबर फ्राॅड कभी आर्मी जवान के बाल-दाढ़ी बनवाने का झांसा देकर ताे कभी टेंट संचालक काे ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कहते हुए ठगी कर रहा है। इस बार साइबर अपराधियाें ने रिम्स के अाॅर्थाे विभाग के एक डाॅक्टर काे निशाना बनाते हुए ठगी किया है।
साइबर फ्राॅड फर्नीचर खरीदने का झांसा देकर रिम्स के अाॅर्थाेपेडिक्स डिपार्टमेंट के डाॅक्टर शाैभिक दास से 1.20 लाख की ठगी कर ली है। पीड़ित डा.शाैभिक दास रिम्स में रात का ड्यूटी खत्म कर सुबह अपने घर पहुंचे थे। इसी दाैरान साइबर अपराधियाें ने उन्हें फाेन किया जिसे वे समझ नहीं पाए। डाॅक्टर के अकाउंट से जब पैसे की अवैध निकासी हाे गई ताे उन्हें एहसास हुअा कि वे ठगी के शिकार हुए हैं। पीड़ित डाॅक्टर ने बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दिया है। प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद से पीड़ित डाॅक्टर लगातार साइबर अपराधियाें के पकड़े जाने का अास लगाए बैठे हैं लेकिन काेई खास सफलता नहीं मिल रही है।
प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद भी नहीं पकड़ा रहा साइबर फ्राॅड, एक में भी पुलिस काे नहीं मिल रहा सफलता
ठगी के शिकार हाेने के बाद पीड़ित व्यक्ति प्राथमिकी ताे दर्ज करा रहे हैं लेकिन पुलिस काे एक में भी सफलता नहीं मिल रही है। बरियातू थाने में पिछले एक माह में ठगी के 5 प्राथमिकी दर्ज हुए हैं लेकिन एक में भी पुलिस काे सफलता नहीं मिली है। ठगी का प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद साइबर फ्राॅड काे पकड़ने में पुलिस काेई खास दिलचस्पी नहीं दिखाती। पीड़ित द्वारा पूछे जाने पर अनुसंधान जारी हाेने की बात कहते हुए टाल-मटाेल कर दिया जाता है।
पढ़े-लिखे लाेग हाे रहे ठगी के शिकार
साइबर अपराधी पढ़े-लिखे लाेगाें काे भी झांसे में लेकर ठगी की घटना का अंजाम दे रहा है। कभी डाॅक्टर ताे कभी पुलिस वाले काे निशाना बनाते हुए अकाउंट से अवैध निकासी कर रहा है। ठगी के शिकार हाेने के बाद जब लाेगाें काे एेहसास हाेता है ताे प्राथमिकी दर्ज कराते हैं। हालांकि तबतक काफी देर हाे चुका हाेता है।