फर्जी तरीके से जमीन खरीद बिक्री करने वाले न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से ईडी पाँच दिनों तक करेगी पूछताछ,कोर्ट से ईडी को पांच दिनों का मिला रिमांड…
राँची।बुधवार को कारोबारी विष्णु अग्रवाल की रिमांड के मामले में अदालत में सुनवाई हुई जिसके बाद अदालत ने 5 दिनों की रिमांड मुकर्रर कर दी।हालांकि एजेंसी ने विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए 7 दिनों का वक्त मांगा था। अब गुरुवार की सुबह 11:00 बजे से अगले 5 दिनों तक लगातार विष्णु अग्रवाल से पूछताछ करेगी। जमीन घोटाले मामले में बीते सोमवार को न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था। मंगलवार को अग्रवाल को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया था।जहां से अदालत ने विष्णु अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में राँची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया था। मंगलवार को ही ईडी की तरफ से विशेष अदालत से अनुरोध किया गया था कि जमीन घोटाले मामले में पूछताछ के लिए विष्णु अग्रवाल को 7 दिनों की रिमांड मंजूर की जाए।लेकिन अदालत ने उन्हें आज पाँच दिनों की रिमांड दे दी है।अब गुरूवार से ईडी बिष्णु अग्रवाल से पूछताछ कर जमीन हेराफेरी का राज उगलवाने की कोशिश करेगी।
जमीन घोटाले में संलिप्तता के साक्ष्य के बाद गिरफ्तार
झारखण्ड-बंगाल के बड़े जमीन कारोबारी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से ईडी ने सोमवार को लंबी पूछताछ की थी, ईडी ने जांच में हैरान करने वाले तथ्य पाये थे।ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, विष्णु अग्रवाल जमीन घोटाले से लाभांवित होने वाले प्रमुख व्यक्ति हैं।वहीं विष्णु अग्रवाल अपने प्रभाव से अफसरों से मनमर्जी का काम लेते थे।ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन से जुड़े मामलों में विष्णु अग्रवाल ने कई बार ऑर्डर तक अपने दफ्तर में ही लिखवाया, इसके बाद टाइप की गई कॉपी पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर आदेश निकाले। ईडी ने जांच में यह भी पाया है कि विष्णु अग्रवाल के दफ्तर में टाइप की गई कुछ ऑर्डर पर तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने भी हस्ताक्षर किए हैं। पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद विष्णु अग्रवाल को ईडी ने सोमवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया था।
चेशायर होम रोड समेत कई जमीन में फर्जीवाड़ा
विष्णु अग्रवाल के खिलाफ जांच में ईडी को काफी तथ्य मिले हैं. ईडी ने पाया है कि चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन की खरीद फर्जी दस्तावेजों से हुई थी. इसके अलावे सेना की सिरमटोली की जमीन की खरीद भी गलत दस्तावेज के आधार पर की गई थी. वहीं पुगड़ू में 9.30 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री में भी गलत दस्तावेजों का प्रयोग हुआ था. खासमहाल जमीन के लिए पहले जहां जमीन मालिक आशीष कुमार गांगुली ने सरकार को लीज का आवेदन दिया था, वहीं बाद में इस जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से विष्णु अग्रवाल के पक्ष में कर दी गई. इस मामले में तत्कालीन सीओ, जमीन की खरीद बिक्री से जुड़े दो दर्जन से अधिक लोगों से ईडी ने बीते एक सप्ताह में पूछताछ की थी।