1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में ईडी ने एक और बड़ा खुलासा किया,पंकज मिश्रा ने कमिश्नर को धमकी दी थी,डीसी के रिपोर्ट पर ज्यादा सवाल जवाब ना करें..
राँची।झारखण्ड में प्रवर्तन निदेशालय की जांच रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हो रहे हैं।अब ईडी की जांच रिपोर्ट से पता चला है कि अवैध खनन और मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार पंकज मिश्रा ने साहिबगंज में गंगा नदी हादसे के बाद वहां के तत्कालीन कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप को फोन पर धमकाया था। 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में यह बड़ा खुलासा है।पंकज मिश्रा ने कहा था कि डीसी साहिबगंज की रिपोर्ट पर ज्यादा सवाल जवाब न करें।
ईडी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि पंकज मिश्रा के मोबाइल फोन को इंटरसेप्शन पर रखा गया था। 2 जून 2022 को राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग का मामला सामने आया जिसमें दुमका कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप को फोन पर धमकी भरे लहजे में कहा गया कि साहिबगंज डीसी रामनरेश यादव द्वारा दी गई रिपोर्ट पर ज्यादा सवाल-जवाब न करें।
हादसे की वजह रात में फेरी:
मार्च 2022 में साहिबगंज से मनिहारी के बीच जलमार्ग से ले जाए जा रहे कई ट्रक डूब गए थे। तब नियम विरुद्ध तरीके से रात में फेरी सर्विस का मामला सामने आया था। इस मामले में डीसी साहिबगंज ने रिपोर्ट दुमका कमिश्नर को भेजी थी। पंकज मिश्रा ने फोन पर कमिश्नर को कहा डीसी की रिपोर्ट को आगे भेज दें, ज्यादा सवाल जवाब ना करें।
कमिश्नर ने भी माना आया था पंकज मिश्रा का फोन:
इस पूरे मामले में ईडी ने दुमका के तत्कालीन कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप का भी बयान लिया और रिपोर्ट मे उसकी जानकारी दी। इस बयान में कंश्यप ने बताया कि मार्च महीने में हादसे के बाद परिवहन विभाग और उनके द्वारा डीसी साहिबगंज से रिपोर्ट मांगी गई थी।
डीसी की रिपोर्ट में थी कई समस्या:
साहिबगंज डीसी ने जो रिपोर्ट सौंपी उसमें कई समस्याएं थीं। डीसी से दुबारा घटना की वजह और इस घटना के जिम्मेदार लोगों की जानकारी मांगी। डीसी ने दोबारा रिपोर्ट नहीं भेजी। इस मामले को लेकर पंकज मिश्रा का फोन आया था और बाद में एक बार मुलाकात के दौरान भी उन्होंने कहा कि डीसी से दोबारा रिपोर्ट न मांगे।
कोर्ट में सौंपा गया पूरी बातचीत का ब्यौरा:
कोर्ट में ईडी ने इस पूरी बातचीत का ब्यौरा सौंपा है। पंकज मिश्रा ने जिस तरह से इस पूरे मामले में खुद को एक्टिव रखा, राजनीतिक शक्तियों का इस्तेमाल करने की कोशिश की इससे यह पता चलता है कि वह फेरी सर्विस के जरिए अवैध तरीके से स्टोन चिप्स का परिवहन कराते थे।