Ranchi:इलाके में प्रतिष्ठा धूमिल होने और निजी नुकसान होने के कारण,अपराधी अफसर आलम ने वकील की हत्या कर दी थी,मुख्य आरोपी सहित दो गिरफ्तार,कैसे पकड़ा गया मुख्य आरोपी
झारखण्ड न्यूज exclusive
राँची।जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र के रड़गांव में बीते 26 जुलाई को शाम में अधिवक्ता मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी असफर आलम को राँची पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया।आज सोमवार को एसएसपी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर इस सम्बंध में एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने दी।बताया गया कि जेवियर कॉलेज की जमीन को लेकर बीते 26 जुलाई को तमाड़ थाना क्षेत्र के रड़गांव में अधिवक्ता मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।जिसमें मुख्य आरोपी अफसर आलम था।
जमीन जाता देख और इलाके में दबदबा कायम करने के लिए हत्या की
आरोपी अफसर आलम को लगा जेवियर कॉलेज जमीन के मामले में उसके पक्ष में जमीन का फैसला नहीं आया उसका कारण अधिवक्ता ही था। वहीं उसे व्यक्तिगत नुकसान और प्रतिष्ठा धूमिल होने पर अफसर ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अधिवक्ता मनोज झा की हत्या कर दी थी।पुलिस पूछताछ में अफसर ने बताया कि जब जमीन के मामले में उसके पक्ष में फैसला नहीं आया और जमीन पर काम होने लगा तो कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा उसे चिढाने लगा।लोग कहने लगा कि बहुत दादा बनता था।लोगों की बात सुनकर गुस्से में आकर हत्या की योजना बना डाली।
अधिवक्ता जमीन मामले में रोड़ा बना था इसलिए हत्या कर दी
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अफसर आलम और अधिवक्ता में दुश्मनी काफी ज्यादा बढ़ गया था।आरोपी जब कुछ महीने जेल गया था तो अधिवक्ता आरोपी अफसर आलम का बेल नहीं होने दे रहे थे।वहीं जेल में रहने के बाद इधर जमीन का काम जोरो से शुरू कर दिया था।इधर जमीन में हो रहे कार्य का भी खुद अधिवक्ता मनोज झा देख रहे थे।जब आरोपी अफसर आलम जेल से बाहर आया तो जमीन में काफी काम हो चुका था।वहीं अफसर आलम उसी जमीन के कुछ भाग में ईंटा भट्ठा भी चला रहा था।पुलिस पूछताछ में से सब आरोपी ने खुलासा किया है।वहीं आरोपी अफसर आलम अधिवक्ता से कई बार तू तू मैं मैं भी हुआ था।अफसर ने कहा था आप मुझे जेल भेजवाकर जमीन पर काम करा रहे हैं।उसके बाद अफसर ने खतरनाक योजना बना डाली और अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या कर दी।
खुद अंतिम गोली मारी
पुलिस पुछताछ में आरोपी अफसर ने बताया कि 26 जुलाई को जब अधिवक्ता मनोज झा जमीन के पास पहुँचे थे।तभी पहले से बनी योजना पर दो बाइक से पाँच लोग वहाँ पहुँचे थे।उसके बाद कार पर बैठे अधिवक्ता के उप्पर गोली चलाने लगे।अंतिम गोली उसने खुद मार दी।
गुप्त सूचना और टेक्निकल टीम की सहायता से टीम बेंगलोर पहुँची
बताया गया कि एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिली सूचना के आधार पर एसडीपीओ बुंडू अजय कुमार के नेतृत्व में राँची पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए बेंगलुरु के ग्रामीण इलाके के कनक नगर,थाना -होसकोटे से मुख्य आरोपी अफसर आलम को गिरफ्तार किया।राँची पुलिस की टीम ने मुख्य आरोपी अफसर आलम की गिरफ्तारी के लिए बंगाल,ओडिसा,बिहार और झारखण्ड के कई जिलों में करीब 20 जगहों पर छापेमारी की थी।बेंगलुरु सभी भागने की तैयारी में था उससे पहले पुलिस ने दबोच लिया।
वहीं उससे पूछताछ के बाद एक और आरोपी सोएब को रड़गांव से गिरफ्तार किया।गिरफ्तार आरोपियों में अफसर आलम और सोएब अख्तर शामिल है। पुलिस ने इनके पास से एक रिवाल्वर और तीन गोली बरामद किया है।वहीं राँची पुलिस ने इससे पहले इस हत्याकांड की घटना में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बुंडू एसडीपीओ के नेतृत्व में जिस टीम को बनाया था,टीम ने कैसे पकड़ा असफर आलम को
बताया जा रहा है हत्या के बाद एसएसपी ने बुंडू एसडीपीओ अजय कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की और इस टीम में एसडीपीओ अजय कुमार के अलावा दशम फॉल थाना प्रभारी विष्णुकांत,बुंडू थाना के एसआई दीपक कुमार और टेक्निकल सेल के एएसआई बलिंद्र कुमार को रखा।जहां बुंडू एसडीपीओ बंगाल ,बिहार और झारखण्ड में अपराधियो की खोज में लगे थे।वहीं ये तीन पुलिस पदाधिकारी पिछले एक सप्ताह से बेंगलुरू में करीब 80 होटलों को छान मारा था। 6 दिन में तीनों ने बेंगलुरु के होटल के अलावा कई ऐसे स्थानों पर छापेमारी की थी कि जहां पुलिस पहुँचना मुश्किल था।जब आरोपी असफर आलम ने अपना मोबाइल कृष्णा नदी में फेंक दिया तो और भी ढूंढने में मुश्किलें बढ़ने लगी थी।लेकिन तीनो ने सूचना और स्थानीय लोगों की सहायता से आरोपी को पकड़ ही लिया।अपराधी अफसर आलम इतना शातिर दिमाग लगा रहा था बचने के लिए कई दिनों से करीब 3 से 4 घन्टे बस से सफर कर बेंगलुरु से बाहर चला जाता था।आखिर पुलिस ने उसे ग्रामीण इलाके से ही दबोच लिया।इधर बुंडू एसडीपीओ अजय कुमार भी बंगाल में करीब 4 दर्जन इलाके में छापेमारी की थी।यानी राँची पुलिस ने आखिर अधिवक्ता हत्याकांड का मुख्य आरोपी को गिरफ़्तार कर ही लिया।अब देखना है राँची पुलिस इसे सजा दिलवा पाती है या नहीं।
जेवियर कॉलेज की जमीन को लेकर हुई थी,अधिवक्ता की हत्या
पुलिस की जांच में पता चला कि अधिवक्ता मनोज झा संत जेवियर कॉलेज प्रबंधन की ओर से रड़गांव में जमीन संबंधित कार्यों की देखरेख करते थे।उस जमीन पर मुख्य आरोपी अफसर आलम अपने अन्य सहयोगियों के साथ दावा करता था।जेवियर स्कूल ने उस जमीन को रड़गांव के शेख रजा के वंशजों से 2007 में खरीदा था।उसी समय गांव के कुछ लोगों ने इस संबंध में कोर्ट में आवेदन दिया था।तभी से मामला कोर्ट में चल रहा है। बताया जाता है कि जेवियर कॉलेज के पक्ष में कोर्ट का फैसला आया था।जिसके बाद अपराधी अफसर आलम अन्य अपराधकर्मियों के साथ मिलकर योजना बनायी कि अधिवक्ता मनोज की हत्या करने के बाद रास्ता साफ हो जाएगा।जिसके बाद उस जमीन को बेचकर हम सभी आपस में पैसे का बंटवारा कर लेंगे।
क्या है मामला:
जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र के रड़गांव में चर्च रोड राँची निवासी अधिवक्ता 55 वर्षीय मनोज झा की हत्या अपराधियों ने गोली मारकर कर थी. बीते 26 जुलाई को लगभग साढ़े तीन बजे दो पल्सर बाइक पर आए अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था। मनोज झा संत जेवियर स्कूल के जमीन विवाद में केस की पैरवी कर रहे थे. जेवियर स्कूल तमाड़ के रड़गांव में 14 एकड़ जमीन पर कॉलेज का निर्माण करा रहा था. वहां पर बाउंड्री का कार्य हो रहा था.बताया जाता है कि मनोज झा वहां पर देखरेख करने जाया करते थे. 26 जुलाई को भी वह चारदीवारी निर्माण को देखने गए थे. निर्माण कार्य देखने के बा वह रड़गांव से महज 500 मीटर की दूरी पर एक पेड़ के नीचे गाड़ी खड़ी कर उसमें बैठे हुए थे।साथ में उनका चालक असलम भी था।तभी दो पल्सर मोटरसाइकिल पर पांच अपराधी आए और कार में बैठे मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।