सिमडेगा:गरीबी के कारण झारखण्ड की एक बेटी का शव दिल्ली से नहीं आ सका गांव,मानव तस्करी की शिकार हुई थी…
सिमडेगा। झारखण्ड के सिमडेगा जिले के हेठमा पंचायत क्षेत्र की एक बेटी का शव दिल्ली से गांव नहीं आ सका।गरीबी की मार झेल रहे परिवार के पास बेटी के शव को गांव लाने के लिए पैसा नहीं था। बताया गया कि मानव तस्करों ने पैसा कमाने का लालच देकर उसे बहला-फुसला कर दिल्ली ले गया और दूसरे के हवाले कर दिया।
दरअसल,कुरडेग प्रखंड के हेठमा पंचायत के भिजरीबारी गांव की एक बेटी की गत दो जून को दिल्ली में मौत हुई थी। दिल्ली पुलिस की ओर से तीन ‘जून के परिवार वालों को इसकी जानकारी दी गयी। जानकारी मिलते ही मृतक के पिता ने मुखिया को सूचित किया। मृतक के पिता अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ दिल्ली गये, लेकिन इनलोगों के पास इतना पैसा नहीं था कि बेटी का शव दिल्ली से अपने गांव ला सके। इस कारण दिल्ली में ही बेटी के शव को दफनाया गया।
इस संबंध में हेठमा पंचायत के मुखिया ने बताया कि भिजरीबारी गांव की एक बेटी की हत्या दिल्ली में कर दी गयी थी।पोस्टमार्टम के समय भी परिवार के लोगों को बेटी के शव के पास पुलिस ने सटने नहीं दिया।सिर्फ चेहरा दिखाया गया। आदिवासी समुदाय की 16 वर्ष की बेटी बहुत ही गरीब परिवार से आती थी।
बताया गया कि सेमरबेड़ा निवासी अजय लकड़ा भिजरीबारी गांव की इस नाबालिग को पैसा कमाने का लालच दिया और बहला फुसला कर दिल्ली ले गया।दिल्ली में ले जाकर उसे बेच दिया। जहां उसे रोज प्रताड़ित किया जा रहा था।मुखिया सुनीता देवी ने बताया कि मृतक को बिना उसके पिता से पूछे ही अजय लकड़ा फरवरी 2023 में दिल्ली ले गया था।
“हर महीने इस तरह की घटना सुनने को मिलता है,झारखण्ड सरकार और दिल्ली सरकार को दिल्ली के प्लेसमेंट एजेंसी पर सख्त करवाई करनी चाहिए”। बैद्यनाथ कुमार,चाइल्ड राइट्स फाउंडेशन राँची।