कोरोना के दहसत के कारण झारखण्ड हाईकोर्ट में अगले 15 दिन केवल जरूरी मामलों की सुनवाई
रांची। कोरोना वायरस पूरी दुनिया में दहशत मचाने के बाद भारत में भी पांव पसार चुका है। फिलहाल भारत में डेढ़ सौ के आसपास इस कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज पाए गए हैं। जिनमें से 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। झारखण्ड हाईकोर्ट भी कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सावधानी बरत रहा है. झारखण्ड हाईकोर्ट में अगले 15 दिनों तक केवल जरूरी केस की सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने यह फैसला जनहित में लिया है, ताकि हाईकोर्ट में ज्यादा लोगों को कोर्ट ना आना पड़े और भीड़ कम हो.
हाईकोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि झारखंड हाईकोर्ट ने यह फैसला कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया है. किसी भी पक्षकार के अनुपस्थित होने पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जायेगा. ऐसा फैसला सिर्फ झारखण्ड हाईकोर्ट ने ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों के हाईकोर्ट ने भी यह फैसला लिया है. पटना उच्च न्यायालय ने भी रविवार को जानकारी दी कि इस महीने के अंत तक सिर्फ नियमित जमानत याचिकाओं और तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुना जायेगा.
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अपने कामकाज के दौरान अदालत कक्ष में वकीलों और पक्षकारों की उपस्थिति सीमित करने और अगले आदेश तक सिर्फ तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुनवाई करने का फैसला किया. कलकत्ता उच्च न्यायालय और पश्चिम बंगाल एवं अंडमान-निकोबार में उसकी अधीनस्थ अदालतें मंगलवार से केवल जरूरी मामलों की सुनवाई करेगी. चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसए बोबडे ने कहा है कि देश में फैले कोरोना वायरस महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता.