मेला में चाट खाने से दर्जनों बच्चे सहित 100 से अधिक बीमार,अस्पताल में बेड पड़े कम,जमीन पर हुआ इलाज,देर रात तक अस्पताल में चीख पुकार मच गई

धनबाद।झारखण्ड के धनबाद जिले में भोक्‍ता मेला में चाट खाने से सौ से अधि‍क लोग बीमार हो गए हैं। इसमें ज्यादातर बच्चे शामिल है।बताया जाता है कि यह घटना बुधवार की देर रात के करीब 11 बजे की है। सभी बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया। जैसे ही एक के बाद एक बीमार को अस्पताल में लाया गया तो एसएनएमसीएच में चीख पुकार मच गई। सभी बीमार उल्टियां कर रहे थे। उल्टियों से बच्चे पस्त हो गए थे और बड़ों के चेहरे का रंग भी उड़ा था।

वहीं चिकित्सक, नर्स और वार्ड ब्वाय दौड़भाग में लगे थे। शरीर में पानी की कमी न हो, इसलिए सबको स्लाइन तुरंत लगाया गया। परिजनों ने भी देर नहीं की, स्टैंड नहीं था तो बोतल हाथ में पकड़ ली। इसके बाद चिकित्सकों से इस मामले में पूछताछ की गई तो पता लगा कि सभी बीमार करमाटांड़ पंचायत के हुचुकटांड़ के रहने वाले हैं। भगवान भोलेनाथ की साधना के लिए भोक्ता पूजा में शामिल होने आए थे और इस दौरान मेले में इन सभी ने वहां चाट खाई थी।

इधर अस्पताल में देर रात तक करीब सौ मरीज पहुंच चुके थे। इनमें से 30 का जेपी अस्पताल और 70 का एसएनएमएमसीएच में हो रहा। रात में कई और मरीजों के पहुंचने की भी सूचना थी। अस्पताल में अचानक इतनी संख्या में मरीज पहुंचने से बेड की कमी पड़ गई। ऐसे में सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि जिस वार्ड में बेड खाली हो, वहां भर्ती करें। बेड नहीं है तो जमीन पर बैठाकर इलाज शुरू करें, ताकि किसी की जान को खतरा न हो। करीब तीन दर्जन लोगों का जमीन पर ही इलाज शुरू किया गया। चिकित्सकों के अनुसार सभी को फूड प्वाइजनिंग की शिकायत हुई थी।

नौ साल की सोनी कुमारी को चिकित्सक ने स्लाइन चढ़ाने के लिए नीडिल लगाई। उसकी आंखों में आंसू आ गए, मगर उल्टी होने से ज्यादा ये पीड़ा नहीं थी। तभी सोनी बोल उठी, अंकल सभी को ठीक कर दीजिएगा। हम समय पर दवा भी खाएंगे। बोली कि चाट खाते ही हमारा जी मिचलाने लगा। अर्चना, नीलू और पिंकी दीदी को भी यही शिकायत हुई। हम सब जल्दी से घर चले गए। वहां पहुंचते ही चक्कर आने लगे, उल्टियां शुरू हो गईं।

इतनी भीड़ पहुंचने के बाद सभी अपने परिजनों के पहले इलाज की आवाज उठाने लगे। कुछ ने हंगामा भी कर दिया। तब चिकित्सक और कर्मचारियों ने सबको समझाया और उपचार शुरू किया। चिकित्सकों का कहना है कि दवा दे दी गई है। अधिकांश लोग खतरे से बाहर हैं। उन्हें भर्ती कर लिया गया है। मरीजों की देखभाल हो रही है। मरीजों के परिजन ने बताया कि वह शाम को भोक्ता मेला गए थे। वहां एक चाट की दुकान पर जिन्होंने चाट खाई, वे ही बीमार हुए। दुकान पर काफी संख्या में लोगों ने गुपचुप भी खाया। उनको कुछ नहीं हुआ। जब हालत बिगड़ने लगी तो जो साधन मिला उससे अस्पताल लेकर भागे।

फूड प्वाइजनिंग का शिकार 100 लोगों के होने की सूचना पाकर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। उपायुक्त के निर्देश पर बलियापुर सीओ रामप्रवेश अस्पताल आए। और परिजनसे बात की। बीमार लोगों के बारे में चिकित्सकों से जानकारी ली। उनका बेहतर से बेहतर इलाज करने को कहा। प्रशासन भी मामले की जांच कराने की तैयारी कर रहा है। सूचना पाकर सरायढेला थाने की पुलिस भी अस्पताल पहुंची और मरीजों व परिजन से घटना के बारे में जानकारी ली।

जिस समय मरीज पहुंच रहे थे, एसएनएमएमसीएच में करीब पांच चिकित्सक थे। मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो चिकित्सकों ने सिविल सर्जन को फोन किया। इसके बाद दिन पाली के चिकित्सक भी ड्यूटी में भेजे गए। सूचना पाकर वे भी दौड़ पड़े। डेढ़ दर्जन से अधिक चिकित्सकों ने इलाज की कमान संभाल ली। दो दर्जन नर्स भी अस्पताल आ गईं। रात तक अस्पताल में मरीजों की चीख पुकार मची थी।