खुलासा:10 लोग थे गिरोह के निशाने पर,रंगदारी नहीं देने पर इस साल फरवरी में टोरी शिवपुर रेल लाइन का काम करने वाली कंपनी के साइट पर किया था गोली बारी….
राँची।झारखण्ड के कुख्यात अपराधी अमन साहू को बालूमाथ पुलिस ने 31 मई को रिमांड पर लेकर कांड संख्या 30/23 मामले में पूछताछ की थी। अमन साहू ने पुलिस को कई चौकाने वाले खुलासे किए है। उसने बताया है कि उसके गिरोह के निशाने पर 10 लोग थे। इनमें लातेहार के बालूमाथ का राजेंद्र साहू, लातेहार के ही विकास कुमार तिवारी, लातेहार चंदवा के छोटू गुप्ता उर्फ रंजीत गुप्ता, खलारी का अब्दुल्ला अंसारी, राय बचरा का लवलेश्वर महतो, अंबे कंपनी का निदेशक सुमित चटर्जी, रामगढ़ भोला पांडेय गिरोह का विकास तिवारी, लातेहार के बालूमाथ पिंडारकोम का मनोज यादव, आरकेटीसी व बीएलए कंपनी के मालिक व अधिकारी और रित्विक कंपनी के मालिक व अधिकारी शामिल है। इन सभी को अमन साहू गिरोह ने रंगदारी नहीं देने पर निशाने पर रखा था और धमकी भी दी थी।
टोरी शिवपुर रेल लाइन का काम करने वाली कंपनी के संचालक से मांगी थी रंगदारी
अमन साहू ने पुलिस को यह भी बताया है कि उसके कहने पर मयंक सिंह ने टोरी शिवपुर रेल लाइन के विस्तारीकरण का काम कर रही कंपनी साईं कृपा टेलीकॉम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के संचालक कृपा शंकर सिंह से भी फोन पर रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की भी धमकी दी थी। उसके बाद भी लेवी का पैसा नहीं देने पर पुन कंपनी के बबन सिंह को भी कॉल कर पैसे की मांग की गई थी। बबन सिंह को भी फोन पर पैसे नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जब कंपनी ने लेवी का पैसा नहीं दिया तो फरवरी महीने में निक्की यादव को बोलकर बालूमाथ रेलवे थर्ड लाइन साइट पर जाकर 8 से 10 राउंड फायरिंग कराया गया था। इसके घटना के अगले दिन कांड की जिम्मेदारी लेते हुए मयंक सिंह ने धमकी दी थी कि गोलीबारी तो सिर्फ ट्रेलर था। आपकी किस्मत अच्छी थी जो बच गए। अगर सेटलमेंट नहीं किए तो गंभीर परिणाम भुगतान पड़ेगा। यह भी कहा था कि आप हमारे बारे में पूरे झारखंड में जाकर पता कर लीजिएगा। जब तक सेटलमेंट नहीं होता काम बंद रखे, नहीं तो हमलोग दुबारा मौका नहीं देंगे। किसी भी समय आपकी हत्या कर जाएगी। साइट को धुंआ धुंआ कर दिया जाएगा।
अमन साव ने कहा जेल से संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से चलाता था
अमन साव ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि वह जेल से संगठन का संचालन करता था। इसके लिए वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है। उसके कहने पर मयंक सिंह लेवी की राशि का हिसाब किताब रखता था। उसके कहने पर मयंक सिंह लेवी वसूली के लिए आदमी भेजता था। हथियार व शूटर की व्यवस्था करता था। संगठन के सदस्यों को सुरक्षित रखने का काम भी मयंक सिंह ही करता था। हथियार खरीदने के लिए भी पैसा हवाला के जरिए ही दिया जाता था।
नेपाल से लेकर यूपी, पंजाब, हरियाणा में बना रखा था छिपने का ठिकाना
अमन साव ने यह भी बताया है कि उसने अपने व अपने साथियों के लिए छिपने के लिए नेपाल से लेकर यूपी, पंजाब व हरियाणा में कई जगह ठिकाने बना रखे थे। नेपाल के काठमांडू में राजू थापा, नयन थापा, विशाल थापा और कमल थापा के ठिकाने पर गिरोह के सदस्य जाकर रहते थे। इसके अलावा हरियाणा और पंजाब के बार्डर पर लॉरेंस बिश्नोई के भाई मनीष विश्नोई के साथ फजीलका में जाकर अपराध करने के बाद संरक्षण लेते थे।