देवघर पुलिस ने एक नाबालिग सहित चार साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार,ड्रोन से निगरानी के बाद साइबर अपराधियों में मचा हड़कंप…!
–अंतर्राज्यीय गिरोह के शामिल होने की भी संभावना पुलिस कर रही है जांच
राँची।झारखण्ड के देवघर पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन के निर्देशन में साइबर डीएसपी राजा कुमार मित्रा के नेतृत्व में साइबर पुलिस देवघर ने एक नाबालिग सहित 4 साइबर अपराधियों को पकड़ा है। इन साइबर अपराधियों की जाँच में यह स्पष्ट हुआ है कि साइबर अपराध से प्राप्त पैसे का लेनदेन ऑनलाइन सट्टेबाज़ी में भी किया जाता था। पूरे मामले में अंतर्राज्यीय गिरोह के शामिल होने की बात आयी है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों में नाशिक महाराष्ट्र का तोयेश संजय पाटिल, देवघर का प्रफुल रवानी और रितिक रौशन शामिल है। इनके पास से 05 मोबाइल, 07 सिम और 05 एटीएम कार्ड बरामद किए गए है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने बताया है कि ये टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से सट्टा बाजार में निवेश कराने के नाम पर ठगी करते थे। इसके अलावा आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड/एसबीआई कार्ड यूज़र्स को चार्ज अप्पलाई के नाम पर झांसे में लेकर क्रेडिट कार्ड डिटेल्स लेकर मोबिक्विक और पेटीएम के माध्यम से पैसे ठगी करते थे। इसके अलावा फर्जी फोनपे, पेटीएम कस्टमर केयर के पदाधिकारी बनकर भी उपभोक्ताओं को कैश बैक का झांसा देकर ठगी करते थे।
इन जगहों पर की गई छापेमारी
इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने ग्राम खोरादह, थाना कुण्डा, देवघर नगर थाना अंतर्गत एक्सिस बैंक के समीप,और ग्राम सुजानी, थाना जसीडीह सभी जिला देवघर में छापेमारी की। इनके विरुद्ध धारा-419/420/467/468/471/120 (B) भा०द० वि० एवं 66 (B) 66 (C)/ 66(D)/84(C) आई०टी० एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर इन्हें जेल भेज दिया गया है।
साइबर अपराधियों तक पहुँचने के लिए जंगल में उड़ा ड्रोन !
जिले के सीमावर्ती इलाके में साइबर अपराधियों पर देवघर पुलिस ने ड्रोन कैमरे से निगरानी शुरू की है।पुलिस की इस कार्रवाई से साइबर अपराधियों के बीच हड़कंप मच गया है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दूसरे जिले के साइबर अपराधी देवघर के सीमावर्ती इलाके में पहुंचकर दिन भर कैंप करते थे और यहीं से ग्राहकों को फंसाकर ऑनलाइन ठगी करने के बाद वापस अपने घर लौट जा रहे थे।ऐसे में साइबर अपराधियों को पुलिस के लिए ट्रैक कर पाना मुश्किल होने लगा।सूत्रों की मानें तो ऐसा करने वाले साइबर अपराधी सीमावर्ती जिला जामताड़ा व गिरिडीह के बताये जा रहे हैं।देवघर जिले के सीमावर्ती इलाके को उन दोनों जिले के साइबर अपराधी सेफ जोन मान रहे हैं।आसानी से यहां से अपराध कर वापस लौटने से उनलोगों पर संबंधित जिले की पुलिस को भी शक नहीं होता है।
प्रतिबिंब एप से पुलिस को मिल रही मदद
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रतिबिंब एप से देवघर जिले के सीमावर्ती इलाके में अधिकतर साइबर अपराधियों का टारगेट नंबर पुलिस को मिला है।उन्हीं सूत्रों की माने तो जांच पड़ताल के क्रम में पता चला है कि टारगेट नंबरों के धारक इस जिले के नहीं हैं।इसके बाद से ही देवघर पुलिस ने ड्रोन कैमरे का बंदोबस्त कर सीमावर्ती इलाके के जंगलों में निगरानी शुरू की है।देवघर पुलिस की इस कार्रवाई के बाद से जिले के सीमावर्ती इलाके में पहुंचकर साइबर अपराध करने वाले संदिग्धों में खलबली मच गयी है।पिछले दिनों देवघर पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई में सीमावर्ती इलाके से अन्य जिले के साइबर अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़े भी थे। हालांकि, इस मामले में यहां की पुलिस कुछ भी जानकारी देने से परहेज कर रही है।