राँची के सेंट्रल जेल में रची गई थी बिट्टू खान की हत्या साजिश,पांच अपराधी हथियार के साथ गिरफ्तार….कुख्यात अपराधी बीड़ी फिर नहीं आया पुलिस के हाथ….
राँची।राजधानी राँची के बरियातू थाना क्षेत्र के एदलहातू में बीते दिन हुए बिटटू खान हत्याकांड मामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले में पुलिस ने पाँच अपराधी को गिरफ्तार किया है। बीते 6 जून को शाम करीब 6 बजे दो बाइक से आए चार अपराधियों ने बिट्टु खान को बदले की भावना से सड़क पर गोलियों से भून दिया।मामले से बाद पुलिस तुरंत ऐक्टिव हुई और करीब 7 दिन बाद पाँच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।राँची के एसएसपी किशोर कौशल ने खुद इस मामले की जानकारी प्रेस वार्ता कर दी।एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर गठित एसआईटी की टीम ने कार्रवाई करते हुए इस हत्याकांड की घटना में शामिल रोहन श्रीवास्तव, मोहम्मद आरिफ ,अंकित कुमार सिंह, दीपक कुमार सिंह और अंकुश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है।इनके पास से पुलिस ने दो पिस्तौल, तीन जिंदा गोली,दो बाइक और चार मोबाइल फोन बरामद किया है।
घटना के बारे में पुलिस ने बताया कि इस हत्याकांड में संलिप्त आरोपी गिरफ्तार किए गए है। चार लोगों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया और बाकी के दो आरोपी रेकी कर रहे थे। रोहित मुंडा, रोहन श्रीवास्तव, अभिषेक मालिक और शुभम विश्वकर्मा दो बाइक से घटनास्थल गए थे और बिट्टू खान की गोली मारकर हत्या कर दी,वहीं अंकुश कुमार सिंह एदलहातू टीओपी और दीपक कुमार सिंह बिट्टू के घर की रेकी कर रहा था।
अंकुश कुमार सिंह और दीपक कुमार सिंह ने बताया कि घटना के दिन एक बाइक पर आरोपी शुभम और अभिषेक मलिक था, जिसमें शुभम गाड़ी चला रहा था और अभिषेक के पास पिस्तौल था तथा दूसरे मोटर साईकिल पर रोहन श्रीवास्तव और रोहित मुण्डा था जिसमें रोहन गाड़ी चला रहा था तथा रोहित मुण्डा उर्फ बीडी के पास पिस्तौल था। मौका पाते ही दोनों ने बिट्टू खान पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई और भाग खड़े हुए।
बता दें कि मामले की गंभीरता के मद्देनजर एसएसपी ने सदर डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन कर मामले की जांच की और सूचना के आधार पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।अपराधियों के पास से घटना को अंजाम देने में उपयोग किया गया 1 आर्म्स, 2 मोटर साईकिल एवं अपराधियो का मोबाईल को बरामद किया गया है। साथ ही बता दें कि इनमें से चार अपराधियों की पहले से भी कई कांड में संलिप्तता रही है।
तीन महीने पहले रची गई थी हत्या की साजिश
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार हुए सभी अपराधियों के द्वारा मृतक तनवीर अहमद उर्फ बिट्टू को मारने का प्लान 02-03 महीने पहले से बनाये हुए था। अंकित कुमार सिंह को एदलहातु टीओपी का और दीपक कुमार सिंह को मृतक तनवीर अहमद उर्फ बिट्टू के घर का रेकी करने का काम सौंपा गया था।बीते तीन जून को जेल में बंद राज वर्मा से निर्देश प्राप्त करने के लिए दीपक कुमार सिंह और अंकुश कुमार सिंह उर्फ लकी जेल में मिलने गया था।जेल में बंद राज वर्मा के निर्देश पर घटना को अंजाम दिया गया है।घटना के दिन एक बाइक पर दुर्गा और अभिषेक मलिक था, जिसमें दुर्गा गाड़ी चला रहा था और अभिषेक मलिक के पास पिस्तौल था। और दूसरा बाइक पर रोहन श्रीवास्तव और रोहित मुण्डा उर्फ बीड़ी था, जिसमें रोहन श्रीवास्तव गाड़ी चला रहा था तथा रोहित मुण्डा उर्फ बीड़ी के पास पिस्तौल था. घटना के बाद डोरण्डा के मो. आरिफ को पास हथियार और बाइक छुपाने के लिए दिया गया था।
कैदी वाहन में अपराधी लव कुश शर्मा और राज वर्मा के बीच हुई थी मारपीट
बीते 27 मार्च को कुख्यात अपराधी लवकुश शर्मा और राज वर्मा दोनों को ही राँची जेल से एक मामले में पेशी के लिए अदालत लाया गया था।अदालत में पेशी के बाद अन्य कैदियों के साथ कैदी वाहन में ही राज वर्मा और लव कुश शर्मा को पुलिस सुरक्षा में वापस जेल भेजा जा रहा था। इसी दौरान लव कुश शर्मा और राज वर्मा में एक पुरानी बात को लेकर कहासुनी हुई और देखते ही देखते दोनों एक-दूसरे से भिड़ गए।भवन के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों ने दोनों को चेतावनी दी कि वह लोग लड़ाई बंद कर बैठ जाए लेकिन वह नहीं माने जिसके बाद कैदी वाहन के चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए वाहन को सीधे बरियातू थाने में घुसा दिया।गौरतलब है कि लव कुश शर्मा और राज वर्मा के गैंग के बीच पुरानी अदावत है। राज वर्मा कालू लामा गिरोह से ताल्लुक रखता था।एक वर्ष पहले शिबू सोरेन आवास के पास सरेआम कालू लामा की गोली मारकर लवकुश शर्मा गिरोह के द्वरा हत्या कर दी गई थी।इसी मामले में झारखंड एटीएस ने इसी साल लव कुश शर्मा को बिहार से गिरफ्तार किया था।
रेकी कर की गयी थी हत्या
बिट्टू खान पर कुख्यात गैंगस्टर कालू लामा की रेकी कर हत्या कराने का आरोप लगा था।उस दौरान बिट्टू खान को गिरफ्तार कर लिया गया था।वह हत्या से छह महीने पहले ही जेल से बाहर आया था। कालू लामा गैंग के सदस्यों से बचने के लिये अपराधी बिट्टू खान एदलहातु छोड़ चुका था।जेल से छूटने के बाद से ही वह राँची के हिंदपीढ़ी इलाके में रहने लगा था। बताया जा रहा था कि हत्या से दस दिन पहले से वह फिर से सुबह और शाम में एदलहातू स्थित अपने आवास जाता था।जिसकी जानकारी लामा गिरोह को हो गयी थी। जिसकी बाद रेकी कर उसकी हत्या कर दी गयी।