Jharkhand:आपदा में भी घूसखोरी;कोरोना महामारी से प्रभावित 2020 में भी राज्य के सरकारी दफ्तरों में 60 कर्मचारी घूस लेते पकड़े गए.

2019 में आपदा नहीं थी तो 67 गिरफ्तार हुए थे

राजस्व और भूमि सुधार विभाग में सबसे ज्यादा घूसखोर पकड़ाए

झारखण्ड एंटी करप्शन ब्यूृरो ने साल 2020 में गिरफ्तार

घूसखोरों-भ्रष्टाचारियों के जारी किए आंकड़े

झारखण्ड न्यूज, राँची।कोरोना काल में झारखण्ड के लोग मौत के आंकड़े गिन डरे-सहमे हुए थे, जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले सरकारी कर्मचारी नोट गिनने में व्यस्त थे। झारखण्ड के एंटी करप्शन ब्यूृरो (एसीबी) ने साल 2020 में ऐसे ही 60 घूसखोरों को ट्रैप कर जेल भेजा है। यानी औसतन हर 6 दिन में एक घूसखोर पकड़ा गया।

एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में घूस लेते पकड़ाने वाले साल 2019 की तुलना में सिर्फ सात ही कम हैं, जबकि 2019 में कोरोना जैसी कोई आपदा नहीं थी और सरकारी ऑफिस फुल कैपेसिटी में चल रहे थे। 2020 में अप्रैल व मई में पूरी तरह लॉकडाउन रहा। साल के अंत तक अनलॉक की पाबंदियों के कारण सरकारी दफ्तरों में लोग ज्यादा संख्या में नहीं पहुंचे। सिर्फ वे ही लोग पहुंचे जो बहुत मजबूर थे।

इन विभागों से पकड़े गए घूसखोर:

●राजस्व और भूमि सुधार विभाग।
●पुलिस विभाग।
●पंचायती राज विभाग।
शिक्षा।
●पेयजल-स्वच्छता विभाग।

भ्रष्टाचार सूची में झारखण्ड तीसरे पायदान पर:
इंडियन करप्शन सर्वे 2019 की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे भ्रष्ट राज्यों की सूची में झारखण्ड तीसरे नंबर पर था। इस सर्वे में यहां के 74% लोगों ने माना कि उन्हें रिश्वत देकर काम कराना पड़ा, जबकि 50% ने माना कि उन्होंने कई बार रिश्वत दी। इस सूची में पहले स्थान पर राजस्थान और दूसरे स्थान पर बिहार है। बिहार में 75% लोगों ने माना कि उन्हें काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ी है, जबकि 50% लोगों ने कहा कि उन्होंने कई बार रिश्वत देकर काम कराया।

●10 साल में झारखण्ड में 570 सरकारी कर्मचारी घूस लेते पकड़ाए।

औसतन हर साल 57 कर्मचारी भ्रष्टाचार करते पकड़ाते हैं राज्य में,वहीं कोरोना के साल में भी औसत से तीन ज्यादा भ्रष्टाचारी हुए गिरफ्तार।

सौजन्य:डीबी

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