Breaking politics:राजद के फैसले को लेकर जेएमएम ने कहा हमें “मक्कारी”आती नहीं,झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने बिहार चुनाव में राजद से नाता तोड़ा,बिहार चुनाव में जेएमएम अकेले 7 सीटों पर लड़ेगी चुनाव।
राँची।झारखण्ड में आरजेडी के साथ सरकार चला रही झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने बिहार चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने का एलान करते हुए आरजेडी को “मक्कार”पार्टी तक कह दिया। जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज राँची में प्रेस कांफ्रेंस कर आरजेडी पर जोरदार हल्ला बोला।गौरतलब है कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने बिहार चुनाव में आरजेडी के सामने 12 सीट की दावेदारी का प्रस्ताव रखा था।
आरजेडी के सीट शेयरिंग रवैये के बाद जेएमएम ने अलग चुनाव लड़ने के एलान के साथ ये भी संकेत दे दिया कि झारखण्ड में चल रही यूपीए सरकार से भी आरजेडी को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
इधर, बीजेपी ने जेएमएम और आरजेडी के रिश्ते पर बड़ा तंज कसा है।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी।श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती, नाथनगर विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अगुवाई वाले महागठबंधन को चुनौती देने का एलान कर दिया।उन्होंने कहा कि झामुमो को उम्मीद थी कि लालू प्रसाद के सामाजिक न्याय की लड़ाई में उसकी भी भागीदारी होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अब स्थिति स्पष्ट हो गयी है।उनकी पार्टी अकेेले दम पर चुनाव लड़ेगी।उन्हीं सीटों पर लड़ेगी, जहां उसकी जीत सुनिश्चित होगी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा जैसी सांप्रदायिक और जनता दल (यूनाइटेड) जैसी नकारात्मक शक्तियों को परास्त करने के लिए वे बिहार में महागठबंधन के अगुवाई राजद के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे।
झामुमो नेता ने कहा कि वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में तत्कालीन राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन का समर्थन झामुमो ने किया. इस बार भी यही करना चाहता था, लेकिन राजनीति में परिस्थितियां बदल जाती हैं. उन्होंने कहा कि आज का राजद का नेतृत्व पुराने दिनों को शायद याद नहीं रखना चाहता. या वह हमारे संघर्ष को मान्यता नहीं देना चाहता.
श्री भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमने पहले भी कहा है कि हम सम्मान से कभी समझौता नहीं करेंगे. आज इस बात को कहने में कोई हिचक नहीं कि राष्ट्रीय जनता दल ने जो राजनीतिक “मक्कारी”की है, हम उसके खिलाफ बोलने के लिए मजबूर हैं.’ उन्होंने कहा कि दो दिन पहले महागठबंधन की बैठक में राजद अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि वह 144 सीटों पर लड़ेंगे. इस लड़ाई में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो को भी अपने साथ रखेंगे।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि अब तय हो गया है कि वे गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे. कम सीटों पर लड़ेंगे, लेकिन निर्णायक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्हीं सीटों पर लड़ेंगे, जो सीटें जीत सकें. कहा, ‘हमें बिहार की जनता का समर्थन चाहिए. वहां के मतदाताओं का समर्थन चाहिए. हमें राजद या जदयू का समर्थन नहीं चाहिए।हमारे कार्यकर्ता इतने सक्षम हैं कि हम जहां भी चुनाव लड़ेंगे, वहां जीतेंगे।
राजद को चेतावनी दी, पुराने दिनों की याद भी दिलायी
झामुमो ने राजद को न केवल चेतावनी दी, बल्कि पुराने दिनों की याद भी दिलायी. उन्होंने कहा कि बिहार में इस बार बहुकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. कोई भी निश्चिंत नहीं है. झामुमो जितनी सीटें जीतेगी, वही सत्ता तक पहुंचने की चाबी होगी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि जब झारखण्ड में राजद की कोई राजनीतिक हैसियत नहीं थी, तब झामुमो ने उनके बुझे हुए घर में दीपक जलाया।कहा कि एकमात्र विधायक को अपनी सरकार में हेमंत सोरेन ने मंत्री बनाया।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज अच्छे दिन आने का सिर्फ सपना देख रहे राजद के लोग।राजनीतिक मर्यादा भूल गये. हम शुरू से लालू प्रसाद यादव का सम्मान करते रहे हैं।आगे भी करते रहेंगे।लेकिन, इस सवाल का जवाब उन्हें देना होगा कि जब वह सामाजिक न्याय की बात करते हैं, तो बिहार में झामुमो के साथ सामाजिक न्याय का क्या हुआ।