Big Breaking: पलामू में गैंगस्टर कुणाल सिंह की ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या से थर्राया इलाका

पलामू। गैंगस्टर कुणाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी।हत्या की घटना बुधवार की सुबह शहर थाना क्षेत्र के अघोर आश्रम के पास हुई। बताया जा रहा है कि गैंगस्टर कुणाल सिंह अपने कार में सवार होकर कहीं जा रहा था इसी दौरान गोली मारने से पहले अपराधियों ने कुणाल सिंह की कार को धक्का मारा। उसके बाद ताबड़तोड़ तीन गोलियां मार दी।गोली उसके सिर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में लगी। हालांकि इसके बाद भी उसे पीएमसीएच मेदिनीनगर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

कुणाल सिंह अपने हमीदगंज पुलिस लाइन के पीछे स्थित घर से बिस्फुटा की ओर जा रहा था। इसी दौरान विपरीत दिशा से आ रही स्कोर्पियो ने एक प्लानिंग के तहत धक्का मारा। उसके बाद मौका मिलते ही गोली मार दी। घटना के बाद अपराधी मौके से फरार हो गये। इधर घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही मामले की छानबीन में पुलिस जुट गयी है। फिलहाल पुलिस अपराधियों की धरपकड़ में लगी हुई है।

जमानत पर बाहर था कुणाल सिंह

झारखण्ड-बिहार में कुख्यात आपराधिक गिरोह के सरगना और एक्स आर्मी मैन कुणाल किशोर सिंह समेत चार अपराधियों को आर्म्स एक्ट के तहत सजा सुनायी गयी थी। आर्म्स एक्ट के छह साल पुराने मामले में व्यवहार न्यायालय की निचली अदालत ने इन्हें दोषी करार देते हुए 15 मार्च 2018 को सात-सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनायी थी। कोर्ट ने सभी को पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर सभी को तीन-तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होती। इसी मामले में कुणाल फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर था।

इन मामलों में था कुणाल का हाथ

कुणाल सिंह अपराध की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ा और चर्चित आजसू पार्टी के नेता साजिद अहमद सिद्दीकी उर्फ बॉबी खान की हत्या में उसकी संलिप्तता सामने आयी। जिसके बाद कुणाल ने अपने साथियों के साथ पलामू के प्रतिष्ठित व्यवसायी और राजद के वरिष्ठ नेता ज्ञानचंद पांडेय के पोते अभिनव पांडेय का बड़े ही नाटकीय ढंग से अपहरण कर लिया था।

इन घटनाओं के बाद कुणाल सिंह को राँची स्थित आर्मी कैंप से गिरफ्तार किया गया था। कुणाल सिंह काफी शातिर अपराधी बताया जाता था। गौरतलब है कि आर्मी कैंप से ही निकलकर उसने आजसू पार्टी के नेता बॉबी खान की हत्या की थी और फिर बड़े आराम से कैंप में वापस आ गया था। पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था।