हिंदपीढ़ी बवाल: शनिवार शाम की घटना के बाद आज सुबह फिर हिंदपिड़ी में स्थानीय लोगों और सीआरपीएफ़ में झड़प की सूचना..
राँची। हिन्दपीढ़ी में शनिवार की शाम सीआरपीएफ़ और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई।बिगड़ते स्थिति को देख प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने मोर्चा संभालकर मामला शांत कराया।आज सुबह फिर पथरबाजी की खबर आई है।
जानकारी अनुसार आज सुबह में फिर स्थानीय लोगों और सीआरपीएफ एवं स्थानीय पुलिस के साथ झड़प हो गई है।जिसमे कोतवाली डीएसपी को पीठ और बाँह में चोट लगी है।वहीं पुलिस जिप्सी का भी शीश तोड़ दिया गया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सुबह हिंदपिड़ी के मोती मस्जिद के पास लोगों द्वारा लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहा था जिससे सीआरपीएफ़ के जवानों ने लोगों से कहा अपने अपने घर जाएं,भीड़ ना लगाइये।इसी बीच लोगों सीआरपीएफ़ के जवानों से स्थानीय लोगों का बहस शुरू हो गई और कुछ लोगों द्वारा पथराव करने लगा।कोतवाली डीएसपी मौके पर पहुंचकर लोगों समझा रहे थे इसी बीच पथराव में घायल हो गए है।बताया जा रहा है डीएसपी को पीठ और बाँह में चोटें लगी है।
क्या था मामला बीते शनिवार शाम की-
खबर है कि शनिवार शाम में कुछ लोग बाहर निकले थे। चूंकि हिंदपीढ़ी एक कंटेन्मेंट जोन है तो सीआरपीएफ के जवानों ने उनसे बाहर घूमने को लेकर टोका। बाहर निकलने वाले कुछ लोगों में एक पूर्व का स्थानीय पार्षद भी शामिल था, उसने सीआरपीएफ़ जवान से बहस करना शुरू कर दिया। बहस के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि सीआरीपीएफ के जवानों ने उनलोगों की पिटाई कर दी। इसके बाद मार खाये लोगों ने हो हल्ला कर और लोगों को बुलाकर सीआरपीएफ जवानों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। पथराव की घटना में कई जवानों को चोट लगी थी।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुँची और हंगामा करने वाले लोगों को खदेड़ कर भगा दिया।इस दौरान हिन्दपीढ़ी में जगह जगह लगे कुछ बेरीकेडिंग को भी गुस्साये लोगों ने तोड़ दिया है।घटना की जानकारी मिलने के बाद राँची के डीसी-एसएसपी अतिरिक्त पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। डीआईजी अखिलेश झा भी घटना की जानकारी प्राप्त होने पर हिन्दपीढ़ी पहुंच थे।और मामले को गम्भीरता देखते हुए स्थानीय लोगो से वार्ता कर मामला शांत कराया गया था।
एकरा मस्जिद के पास भी की गई पुलिस पर पथरबाजी
हिंदपिड़ी में पथरबाजी की खबर मिलने के बाद कुछ असामाजिक तत्व एकरा मस्जिद के आसपास पत्थरबाजी करने लगे, लेकिन पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए लोगों को खदेड़ा और स्थिति नियंत्रण में किया।
सीआरपीएफ़ का विरोध-
हिंदपीढ़ी के लोगों ने शुरू से सीआरपीएफ़ जवानों के तैनाती का विरोध किया है। ज्ञात हो कि स्थानीय पुलिस से जब मामला नहीं सम्भले थे, तो राज्य सरकार ने हिंदपीढ़ी में 28 अप्रैल से सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी थी।लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करना चाहा कि सीआरपीएफ़ की तैनाती न हो सके।
बता दें 13 अप्रेल की देर रात में जब कोरोना पॉजिटिव मरीज को लेने पुलिस औऱ स्वास्थ्य विभाग की टीम गई थी तो पुलिस को सैकड़ों लोगों ने लाठी डंडा से लैस होकर दौड़ा दिया था जिससे कई पुलिस वाले इस घटना में बचे थे।एम्बुलेंस और पुलिस गाड़ी को छतिग्रस्त किया था।घटना के बाद हाईकोर्ट ने हिंदपीढ़ी में लॉकडाउन तोड़ने के मामले पर स्वत:संज्ञान लिया।अदालत ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, राँची डीसी और एसएसपी राँची को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद घटना के बाद ही राज्य सरकार ने हिंदपिड़ी इलाके में सीआरपीएफ की तैनाती का निर्णय लिया था।
कुछ स्थानीय नेताओं ने लोगो को भड़काया-
बीते शाम में हुई घटना के पीछे लोगों को भड़काने में एक दो स्थानीय नेताओं का नाम आया जिसे पुलिस ने संज्ञान में लिया है।स्थानीय नेताओ ने हजारों की भीड़ लगाकर हंगमा कराया है।पुलिस मामले की जांच कर रही है।