पलामू:दादी और चाचा को टंगी काट डाला,हत्या करने के बाद दोनों भाई थाना पहुँचकर आत्मसमर्पण कर दिया
पलामू।झारखण्ड के पलामू जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।बताया जा रहा है कि नौडीहा बाजार प्रखंड में जमीन विवाद में बुधवार की रात टांगी से काटकर एक माँ व उसके बेटे की हत्या कर दी गई है। हत्या करने वाले दो भाई हैं। सूचना मिलने के बाद नौडीहा बाजार थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुँची।मिली जानकारी के मुताबिक नौडीहा बाजार में दो सगे भाईयों ने जमीन विवाद में दादी और चाचा की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या कर दी है। हत्या के आरोपी को माँ की मौत करीब एक माह पहले हो गई थी। इस कारण भी दोनों अंधविश्वास में थे।बताया गया कि घटना को अंजाम देने के बाद माँ-बेटे के हत्या के आरोपी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी कर दिया है। इधर ग्रामीणों ने बताया कि हत्या की घटना से पूरा गांव दहल उठा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार मृतकों में नौडीहा थाना क्षेत्र अंतर्गत खैरा दोहर पंचायत के सिल्दा खुर्द निवासी तपेश्वर सिंह की पत्नी और बेटा थे। यह घटना नौडीहा बाजार थाना के झनझुनवा पहाड़ पर हुई है।आरोपी ने माँ-बेटा की गर्दन काट कर हत्या की है।
इधर नौडीहा बाजार थाना की पुलिस दोनों आरोपियों को अपने साथ ले गई है। नौडीहा बाजार पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में ले लिया है और मामले की छानबीन कर रही है। प्रथम दृष्टया यह मामला अंधविश्वास और जमीन विवाद से जुड़ा हुआ लग रहा है। पुलिस सभी बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के खैरादोहर में विनोद सिंह व बबन सिंह नामक युवक का गांव के ही झुलझुल पहाड़ पर खेती बारी है।उसके अपने चाचा प्रभु सिंह के साथ कुछ जमीन का भी विवाद था। विनोद की माँ की मौत करीब एक महीने पहले हो गई थी। मौत के बाद दोनों भाई अंधविश्वास में आ गए थे। बुधवार की देर शाम प्रभु सिंह व उसकी माँ कलावती देवी झूलझूल पहाड़ पर ही अपने झोपड़ी नुमा घर में थी। इसी क्रम में दोनों भाई वहां पंहुचे और अपने चाचा प्रभु सिंह तथा दादी कलावती देवी की टांगी से हत्या कर दी।उसके बाद दोनों भाई गुरुवार की अहले सुबह मेदिनीनगर टाउन थाना पंहुचकर आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों ने हत्या में इस्तेमाल टांगी भी पुलिस को दिखाई। बाद में नौडीहा बाजार थाना की पुलिस झुलझुल पहाड़ पर पहुँची और दोनों के शवों को उतारा। पुलिस को दोनों भाइयों ने बताया कि चाचा प्रभु सिंह आपराधिक प्रवृत्ति का था और उन्हें दबाकर रखता था।